Some Amazing and Evidence-Based Health Benefits of Aloe Vera : एलोवेरा में छिपा है गुणों का खजाना - सिर्फ 15-20 दिनों में एलोवेरा जैल के ये फायदे देख कर हैरान रह जायेंगे आप !


एलोवेरा को घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है। एलोवेरा पौधे से निकाले गये 100% स्थिरीकृत (Stabilized) एलोवेरा जैल में 200 से अधिक औषधीय तत्व होते है, जिनमें 20 अनिवार्य खनिज, 8 अनिवार्य एमिनों एसिड, 11 से 14 सैकन्ड्री एमिनो एसिड और 12 विटामिन जो शरीर में स्वत: नहीं बनते। अधिकांशत: ये शरीर में जमा नहीं रह सकते, इस कारण जरूरी है कि ये पोषक तत्व शरीर को निरंतर मिलते रहें । एलेवेरा में सेपोनिन (Saponin) नामक तत्व होते हैं जो शरीर की अन्दरूनी सफार्इ और रोगाणु रहित रखने का गुण रखते हैं। इसी प्रकार गहराई तक पहुँचने का गुण रखने वाले लिग्निन (Lignin) और शरीर में उपचार वहन की क्षमता रखने वाले Anthraquinone, Enzyme. Mono and Polysaccharides तथा Mineral इत्यादि भी होते हैं। ऐलोवेरा संसार का सबसे बढि़या एंटिबायोटिक, एंटीसेप्टिक और सबसे प्रभावकारी इंट्रासेलुलर तथा एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह जितना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभप्रद होता है उतना ही आपके बालों और त्वचा के लिए भी।


        रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में                                            


एडॉप्टोजेन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और वातावरण में होने वाले बदलावों के प्रभाव को तेजी से शरीर में ढालता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बदलते हुए खान-पान का असर सीधे हमारी हेल्थ पर पड़ता है। एलोवेरा में पाए जाने वाले पॉलिसैचेराइड्स, वायरस से लड़कर कई प्रकार की बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखते हैं। एलोवेरा का जूस आपके शरीर को तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा आपको बीमारी से बचाने में सहायक तो होता ही है। साथ ही मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

        पाचन क्रिया में सहायक                                                                   


आपने हमेशा पेट में गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे शरीर में पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है। साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।

        एंटीबायटिक, एंटीफंगल और एंटीवायरल                                             


यह सेल्मोनेला, स्टेफीलोकोकस, स्ट्रेपटोकोसी और ई-कोली जैसे बैक्टीरिया के अलावा केंडिडा एल्बीकेंस जैसे फंगस खत्म करता है। विभिन्न वायरसों के विरुद्ध की जाने वाली इसकी कार्यवाही सिद्ध हो चुकी है। कई तरह के ल्युकेमिया और जानवरों के कैंसर में इसका उपयोग किया जाता है। एच.आई. वी. से लड़ने में इसकी सामर्थ्य पर कई अध्ययन चल रहा है।

        एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल                                                     


इसमें कोई शक नही कि एलोवेरा दुनिया का सबसें बढि़या एंटीबाईटीक और एंटीसेप्टिक गुण वाला होता है। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा हमारे शरीर को लगभग 21 अमीनोएसिड की जरूरत होती है। जिसमें एलोवेरा से 18 अमीनोएसिड की मात्रा को पूरा करता है। इन गुणों से भरपूर एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है। जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है। इसके अलावा खतरनाक बीमारियों से निजात भी दिलाता है। यह एड्स जैसी बीमारी में भी खास साबित होता है।

        कोशिकाओं का नवजीवन                                                                 


इसमें मौजूद हार्मोन पुरानी मृत कोशिकाओं को हटाकर उनके स्थान पर नयी कोशिकाओं को स्थापित करता है। एलो में कैल्शियम है जो कोशिकाओं के तरल तत्व को नियमित करता है तथा आंतरिक और बाह्य संतुलन बरकरार रखता है जिसके चलते पूरे शरीर में स्वस्थ कोशिकाएँ मौजूद रहती है। इस क्रिया की वजह से शरीर के आंतरिक अंगों को नई स्फूर्ति मिलती है।

        निर्विषीकरण                                                                                  


एलोवेरा छोटी आंतों को साफ और निर्विष करता है । इसके बाद यह आंतों में जज्ब हो जाता है और खून के जरिए जिगरओ गुर्दों में पहुँच जाता है, जो मानवशरीर निर्विषीकरण करने वाले मुख्य अवयव है। एलो में मौजूद पोटेशियम जिगर व गुर्दों को विषैले तत्व खत्म कर देने के लिए प्ररित करता है।

        कब्ज़ की समस्या में                                                                                                    
              

यह समस्यां हमें अक्सर सुनने को मिलती है। यह समस्यां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस रोग को दूर करने के लिए एलोवेरा के रस का सेवन करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है। छोटे बच्चों में कब्ज के लिए जूस व हींग मिलाकर नाभि के चारों ओर लगा दें, इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा यकृत मे बड़ रही सूजन में इसके गुदे का सेवन सुबह-शाम करने से यकृत की कार्यक्षमता बढती है। इससे पीलिया रोग भी दूर होता है

        ह्रदय रोग                                                                                        


आज की सबसे जटिल समस्यां हमारे शरीर में बढ़ता मोटापा है। जो ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण बनती है। मोटापे से शरीर में तेजी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होता है। ऐसी स्थिति में एलोवेरा का रस बेहद फायदेमंद होता है। एलोवेरा जूस रोजाना 20मिली-30मिली की मात्रा में पीने से शरीर में अन्दर से भरपूर तन्दुरूस्ती तथा ताजगी का अहसास होता है तथा ऊर्जा का उच्च स्तर बना रहता है। इससे वजन भी शरीर के अनुकूल रहता है।

        पेट संबंधी कोई भी बीमारी में                                                               


पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर उसका सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।आजकल किडनी रोग की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में एलोवीरा का सेवन करने से किडनी समस्या ठीक हो सकती है। साथ ही साथ एलोवीरा के सेवन से किडनी की संक्रमण समस्या भी दूर हो जाती है।उर्जा बढ़ाने के लिएएलोवेरा शरीर में उर्जा को बढ़ाता है। एलोवेरा कब्ज की समस्या को खत्म करता है। रोज सुबह एक गिलास एलोवेरा जूस का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज पल भर में ठीक हो जाती है।

        रियूमाटोईड अर्थरोइटिस (संधिशोथ)                                                     


यह रोग काफी दर्दनाक होता है। इसमें रोगी के हाथ, पैर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। साथ जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं। जिसका सही इलाज एलोवेरा में पाया गया है। पहले इसके दो फांक कर इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म कर लें और प्रभावित भाग पर लगातार पट्टी लगायें ऐसा आप लगातार 10 से 15 दिनों तक करें। गठिया, जोड़ो में दर्द, मोच या सूजन में काफी राहत मिलेगी। जोड़ो के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें और प्रभावित जोड़ो पर लगाने से विशेष फायदा होता है

        जख्म या घाव                                                                                   


शरीर में किसी भी प्रकार का जख्म या घाव हो जाने पर एलोवेरा के गुदे को क्रीम की तरह लगानी चाहिए। इसके पत्तों के गूदे में जरा-सी पीसी हल्दी मिलाकर इस पेस्ट को एक पट्टी पर लगा लें और गांठ, फोड़े पर रखकर पट्टी बांध दे। फोड़ा पक कर स्वतः फुट जाएगा और मवाद निकल जाएगा। आग से शरीर का कोई अंग जल या झुलस गया हो तो आप एलोवेरा का गूदा उस जगह पर लगाएं आपको जलन से राहत मिलेगी और घाव भी जल्दी ठीक होगा।

        मधुमेह से लड़ने में                                                                             


यदि आप डायबिटीज की समस्यां से परेशान हैं तो 10 ग्राम एलोवेरा के रस में 10 ग्राम करेले का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से डायबिटीज से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही 20 ग्राम आंवले के रस में 10 ग्राम एलोवेरा के गूदे को मिलाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करें। यह शूगर की बीमारी को दूर करेगा।

        पीलिया रोग में                                                                                  


पीलिया रोग से ग्रसित रोगी के लिए एलोवीरा एक रामबाण औषधि है। 15 ग्राम एलोवेरा का रस सुबह शाम पीयें। आपको इस रोग में फायदा मिलेगा। मूत्र संबंधी रोग हो या गुर्दों की समस्या हो तो एलोवेरा आपको फायदा पहुंचाता है। एलोवेरा का गूदा या रस का सेवन करें।

        मोटापे में                                                                                         


एलोवेरा मोटापा कम करने में फायदा करता है। 10 ग्राम एलोवेरा के रस में मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर उसे मिलाकर प्रतिदिन सेवन करें या 20 ग्राम एलोवेरा के रस में 4 ग्राम गिलोय का चूर्ण मिलाकर 1 महिने तक सेवन करने से मोटापे से राहत मिलती है।

        बवासीर में                                                                                                                       


बवासीर में यदि खून ज्यादा बहता हो तो एलोवेरा के पत्तों का सेवन 25-25 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम करते रहें। बवासीर के मस्से खत्म करने के लिए एलोवेरा के गूदे में नीम की पत्तियों को जलाकर उसका राख मिला लें और इस पेस्ट को मलद्वार पर बांध लें।

        एलोवेरा के खूबसूरती वर्धक लाभ                                                          


कांटेदार पत्तियों वाले इस एलोवेरा को छीलकर एवं काटकर पहले उसका रस निकाला जाता है। इस रस की 2-4 चम्मच सुबह खाली पेट लेने से शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनती है। अपने एंटी बैक्टीरिया और एंटी फंगल गुणों के कारण यह घाव को जल्दी भरता है। इससे बाल घने काले लंबे और मजबूत होते है। एलोवेरा के रस का सेवन रोज करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढ़ती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं।

        एंटी एजिंग जैल के रूप में                                                                               


एलोवेरा एक जैल के रूप में काम करता है। ये हमारे शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता। चेहरे में इसके जेल का प्रयोग करने से एलोवेरा बुढ़ापा नजर आने वाले तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर के अंदर की सफाई कर उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है। यह शरीर में जाकर सभी प्रकार की कंमियों को दूर करता है। शरीर को जवान बनाता है।

        खिंचाव के निशान को कम करता है                                                              


चेहरे में पड़ रहे स्ट्रेच के कुछ निशान से चेहरे में बुढ़ापा नजर आने लगता है। त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती है। एलोवेरा के रस का सेवन करने से चेहरा दमकने लगता है। झुर्रिया भी दूर होने लगती है। स्ट्रेच मार्क्स त्वचा से संबंधित अलग-अलग तरह के रोगों को दूर करने में एलोवेरा बेहद लाभकारी है। एलोवेरा के गूदे से मसाज करने पर त्वचा टोन होती है। इसमें पाए जाने वाले तत्व स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में कारगर साबित होतें हैं। इसमें मौजूद एंजाइम खराब हो चुकी त्वचा को हटाकर दूसरी त्वचा को हाइड्रेट करते है।

        धूप में फायदेमंद                                                                                


सूर्य की किरणें हमारे चेहरे की त्वचा पर ज्यादा असर दिखाती हैं। क्योंकि हमारी त्वचा काफी नरम और संवेदनशील होती है। एलोवेरा में सूर्य की किरणों से लड़ने के शक्तिशाली चिकित्सक गुण होते है। इसके हर्बल हमारे चेहरे में एक परत के रूप में काम करते है और साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण नमी की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं। इसलिए जब भी आप धूप में घर से बाहर जाएं तो एलोवेरा का रस अच्छी तरह से अपने चेहरे पर लगा कर जाएं। त्वचा के लिए मॉस्चराइजर एलोवेरा के एक्स्ट्रैक्ट मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में इस्तेमाल किए जाते हैं। यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए आदर्श माना जाता है।

        बालों के लिए एलोवेरा                                                                         


आजकल बालों की समस्यां को लेकर सभी लोग परेशान रहते हैं। बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना बालों का रूखापन इस तरह की ना जाने कितनी और समस्याएं हैं पर ये सभी समस्याएं एलोवेरा के प्रभाव से दूर हो जाती हैं। आपको इसके लिए एलोवेरा जेल को सिर्फ आधे घंटा लगाना है। इसके बाद आप उसको धो सकते हैं।

        प्राकृतिक कंडीशनर                                                                            


यह एक तरह का प्राकृतिक कंडीशनर है। एलोवेरा को बालों पर 20 मिनट तक उंगलियों के जरिए बालों पर लगाते रहें। और थोड़ी देर में पानी से बालों को धों लें। यह बालों को सुदंर, घना और आकर्षक बनाता है। ऐसा आप महीने में सिर्फ दो बार करें। आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। यह रूखे बालं को ऑयली करता है |

        चर्मरोग में                                                                                         


खुजली, मुंहासों और फुंसी होने पर डेली 10 से 15 ग्राम एलोवेरा का रस पीना चाहिए यह खून को शु़द्ध करता है और चेहरे से मुंहासों को भी हटा देता है। दाद होने पर 10 ग्राम अनार के रस में 10 ग्राम एलोवेरा रस मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं।

        चेहरा सुंदर और चमकदार बनाये                                                           


एलोवेरा का गूदा चेहरे पर लगाने से चेहरा सुंदर और चमकदार बन जाता है। पुरूष हो चाहे स्त्री दोनों को एलोवेरा का पेस्ट चेहरे पर लगाना चाहिए। यह पूर्णरूप से प्राकृतिक क्रिम है। चेहरे की झुर्रियों को दूर करने में आप एलोवेरा का गूदा कच्चे दूध के साथ मिलाकर चेहरे पर मलें। यह झुर्रियों को खत्म करके चेहरे कांतिमान बनाता है।

        मुंह के रोग में                                                                                     


दांतों और छालों के लिए एलोवेरादांतो में कीटाणु लग जाने की वजह से दांत खराब हो जाते हैं। इससे बचने के लिए एलोवेरा का जूस पीएं। यदि मुंह में छाले पड़ गए हों और उनसे खून निकल रहा हो तो आप एलोवेरा जूस से कुल्ला करें।


        सावधानियां                                                                                       


यह तो हम जानते है कि गुणों की खदान है एलोवेरा, लेकिन जहां फायदे है वहां नुकसान भी देखने को मिलता है। एलोवेरा पौधे से बनी दवाईयों में औषधीय गुण होते हैं, पर साथ ही इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए और आंख मूंद कर एलोवेरा से दवा बनाने वालों के दावों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। लेटेक्स एलोवेराये ऐलोवेरा की साबूत पत्तियों से बने जूस में पाया जाता है, जिसे एलॉय लेटेक्सभी कहते हैं। अपने पाचन की क्रिया को सदृढ़ बनाने के लिए लोग इसे भोजन से पहले पीते हैं, ताकि उनका पाचन मजबूत हो, और कब्ज से दूर रहें। पर आप नही जानते ये उतना ही नुकसानदायक होता है। कहीं आप उल्टे ही डायरिया और पेट में मरोड़ जैसे रोग के शिकार न हो जाएं।आप यदि लंबे समय के लिए इसके रस का उपयोग कर रहे हैं, तो कुछ सावधानियां भी बरतने की जरूरत है। 

1.इस रस का लंबे समय तक उपयोग, पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि का कारण बन सकती है।
2.एलोवेरा की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान इसे लेने से बचें
3.मधुमेह के रोगी इसे बिना डाक्टर के परामर्श के न लें।
4.यह बवासीर, जिगर या पित्ताशय से पीडि़त लोगों को इसके उपयोग करने से पहले किसी चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए।


एलोवेरा बहुत ही प्राचीन औषधि के नाम से जानी जाती है। जो त्वचा-संबंधी रोगों में काफी असरदार रही है। लेकिन कुछ रोग ऐसे होते है, जिनका उपचार डॉक्टर की सलाह से ही करवाना चाहिए

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