Alcohol Abuse and Alcoholism Related Diseases & Conditions(एल्कोहल/शराब के अत्यधिक सेवन से होने वाले नुकसान और रोग)
एल्कोहल/शराब के अत्यधिक सेवन से होने वाले नुकसान और रोग
Alcohol Abuse and Alcoholism Related Diseases & Conditions
Alcohol Abuse and Alcoholism Related Diseases & Conditions
शराब को पीने से शारीर में ऐसी
उत्तेजना पैदा होती है जैसी कॉफी और चाय
को पीने से होती है और इसलिए इसका शरीर पर बहुत
बुरा प्रभाव पड़ता है। एल्कोहल को पीने से खून में ट्राइग्लिसराइड (जो कि एक प्रकार
का वसा है) की मात्रा बढ़ जाती है। एल्कोहल अधिक मात्रा में पीने
से कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। (एल्कोहल की 1 ग्राम की मात्रा में लगभग 7 कैलोरियां मिलती है,
जबकि 1 ग्राम वसा से 9 कैलोरियां
मिलती है)। आज हम एल्कोहल पीने से होने वाली बीमारियों के बारे में बताएँगे तथा अपनी
अगली पोस्ट में हम एल्कोहल को छोडने के कुछ घरेलु उपचार बताएँगे -
ज्यादा एल्कोहल पीने से होने वाले नुकसान-
इसमें कोई संदेह नहीं है कि एल्कोहोल का सेवन करने से हमारे शरीर में
विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सम्बंधी विषमतायें पैदा हो सकती हैं जिसमें लिवर
से सम्बंधित बीमारी सिरोसिस और इसके साथ ही सड़क पर अनेकों दुर्घटनाओं में
घायल होने की वजह उत्पन्न हो जाती है।
अब आप बताइए कि क्या आपको यह लगता है कि
शराब का सेवन करने से मात्र लीवर की बीमारी और एक्सिडेंट जैसे स्वास्थ्य
के खतरों के अलावा कोई जोखिम नहीं हैं तो आप फिर से विचार करके देखें |
शोधकर्ताओं का
मानना है कि एल्कोहल का अधिक सेवन करने से 60 से
भी अधिक बीमारियाँ हमारे शरीर में उत्पन्न हो सकती हैं । यहाँ हम आपको शराब
के सेवन से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य बताने जा रहें हैं जिनको जानकर शायद आप भी हैरान हुए बिना नहीं रह पाएँगे
एल्कोहल का अधिक सेवन दे कैंसर को न्योता:-
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के एडिक्शन पॉलिसी विभाग के चेयरमैन, पीएचडी
जुर्गेन रेम के अनुसार, प्रतिदिन शराब पीने से कैंसर का खतरा
बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, खतरा तब और अधिक बढ़
जाता है जब शरीर में शराब में पाया जाने वाला एसीटैल्डिहाइड, शक्तिशाली कैसरजन (“यह एक प्रकार का वायरस होता है जोकि कोशिकाओं को संक्रमित
करके केंसर उत्पन्न करता है |आंकड़ों के अनुसार केंसर रोगियों में लगभग 15 प्रतिशत
केंसर इसी वाइरस के कारण होता है”) में परिवर्तित हो जाता है।
शराब
के अधिक उपयोग से मुंह, गले, ग्रासनली,
लीवर, स्तन, पेट और
मलाशय के कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता हैं। कैंसर के खतरा उन लोगों को बहुत
अधिक होता है जो बहुत अधिक शराब पीने के साथ-साथ तम्बाकू का सेवन भी करते हैं।
शराब की लत कहीं आपको डिमेंशिया यानी पागलपन तक ना ले जाये :-
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों में औसत रूप से लगभग 1.9 प्रतिशत
की दर से मस्तिष्क सिकुड़ता है और इसे सामान्य भी माना जाता है, लेकिन अधिक शराब
पीने से मस्तिष्क के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में इस संकुचन की गति बढ़ जाती है
जिसके कारण स्मृति हानि और डिमेंशिया जैसे कुछ अन्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
यदि आप एल्कोहल
का सेवन अधिक मात्रा में करना बंद नहीं करते हैं तो एक अवस्था ऐसी आती है जब आप
अपनी सोचने और समझने की शक्ति भी खो सकते हैं |
रक्ताल्पता (एनीमिया) हो सकती है एल्कोहल के अधिक सेवन से:-
बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से शरीर में आक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या
असामान्य रूप से कम होने लगती है और रक्त बनना कम हो जाता है । इस अवस्था को
एनीमिया कहते हैं,
जिससे कारण आपको थकान, सांस लेने में तकलीफ या
सांस का उखड़ना जैसी अन्य समस्याएँ देखने को मिल सकती हैं।
शराब के अत्यधिक से हृदय रोग का खतरा:-
अधिक एल्कोहल पीने के कारण शरीर में पायी जाने वाली
प्लेटलेट्स की ब्लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की संभावना अधिक हो जाती है जिसके
कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है।
“ह्रदय रोग विशेषग्य के अनुसार
प्रायः एल्कोहल के सेवन करने वाले लोगों का ह्रदय अपने सामान्य आकार से कुछ बड़ा हो जाता है और इस
कारण उनको साँस लेने में
कठिनाई होने लगती है |”
2005
में अमेरिका स्थित हॉवर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादा शराब
पीने वाले उन लोगों में मौत का खतरा दोगुना हो जाता है, जिन्हें
पहले हार्ट अटैक आ चुका होता है।
शराब है लीवर सोरायसिस होने का सबसे बड़ा कारण :-
''लीवर सोरायसिस'' एक बहुत बुरी बीमारी है!
इसमें मौत का तिल तिल कर और एक एक पल इंतजार करना पड़ता है| पीड़ित का दिमाग और दिल दुरुस्त रहते हैं लेकिन ऊर्जा न मिलने के कारण मरीज रोजाना पैदा होते जाने वाली बीमारीयों से घिरता चला जाता है |
इसमें मौत का तिल तिल कर और एक एक पल इंतजार करना पड़ता है| पीड़ित का दिमाग और दिल दुरुस्त रहते हैं लेकिन ऊर्जा न मिलने के कारण मरीज रोजाना पैदा होते जाने वाली बीमारीयों से घिरता चला जाता है |
लीवर सेल्स के लिए शराब जहर के सामान
है। अधिक शराब पीने वाले अनेक लोगों को सिरोसिस की शिकायत रहती हैं जो कि कभी-कभी घातक
सिद्ध होती है।
इस अवस्था में लीवर भारी होने के कारण कार्य
करने में भी असमर्थ हो जाता है। लेकिन यह बताना कठिन होता है कि किस शराब पीने
वाले को सिरोसिस होगा या नहीं।
शराब ढकेलती है आपको डिप्रेशन की ओर:-
इस बात की जानकारी लंबे समय से है कि शराब का अधिक सेवन और
डिप्रेशन अक्सर साथ साथ रहते हैं, लेकिन
इस पर बहस होती रही है कि पहले क्या आता है- शराब का सेवन या फिर डिप्रेशन |
दिमाग का बोझ हल्का करने के लिए लोग आमतौर पर शराब
का सहारा लेते हैं, लेकिन यह आदत बाद में डिप्रेशन
का रूप ले लेती है। एक सिद्धांत के अनुसार, अवासदग्रस्त
लोग अपने भावनात्मक दर्द को कम करने के लिए शराब का सेवन 'स्वयं
की औषधि' के रूप में करते हैं,और शराब को ही अपने दुःख और
सुख का साथी मानते हैं ,लेकिन 2010 में न्यूज़ीलैंड में हुए
अध्ययन से यह पता चला है कि अधिक शराब पीने से डिप्रेशन होता है।
2020 तक डिप्रेशन विकलांगता
का दूसरा बड़ा कारण होगा: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार नशाखोरी के
कारण विश्व में हिंसा, डिप्रेशन और गैर सामाजिक गतिविधियों
का आंकड़ा बढ़ रहा है।
अत्यधिक एल्कोहल के सेवन से भी हो सकती है गठिया:-
एल्कोहल का सेवन करने वालों में गठिया एक दर्दनाक स्थिति
है जो जोड़ों और उसके आसपास चारों ओर यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होने के कारण
होता है।
हालांकि,
कुछ मामलों में यह वंशानुगत होते हैं, फिर भी
शराब का काफी मात्रा में सेवन करना इसमें
महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
शराब गठिया की मौजूदा हालत काफी हद तक बढ़ा देता
है। और रोगी को चलने फिरने से भी लाचार कर देता है |
मिर्गी का दौरा आना:-
अधिक शराब का सेवन मिर्गी का कारण बन सकता है। यहां तक कि
उन लोगों में भी दौरे का कारण बन सकता हैं जिन्हें मिर्गी की शिकायत नहीं है।
इसके
अलावा शराब का अधिक सेवन इस विकार को दूर करने के लिए ली जा रहीं दवाओं की
कार्रवाई में भी हस्तक्षेप कर सकता है। अतः आपको अल्कोहोल का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए
एल्कोहल का अत्यधिक उपयोग कर सकता है तंत्रिका क्षति (नर्व डैमेज):-
अधिक शराब पीने से तंत्रिका क्षति होती है, जिसे
एल्कोहलिक न्यूरोपैथी कहते हैं।
शराब तंत्रिका कोशिकाओं के लिए जहर के समान होने
और अधिक शराब पीने के कारण होने वाली पोषक तत्वों की कमी तंत्रिका कार्यों को
प्रभावित करती है, जिससे एल्कोहलिक न्यूरोपैथी उत्पन्न होती
है।
इसके कारण हाथ-पांव में दर्दनाक सुइयों जैसी चुभन महसूस होती है और साथ ही
मांसपेशीयों की कमज़ोरी, असंयम, कब्ज,
स्तंभन दोष और ऐसी अन्य कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
शराब के सेवन आसानी से घेर सकते हैं आपको कई संक्रामक रोग:-
अधिक शराब पीने से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है जिससे
संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है जिसमें ट्यूबरक्लोसिस, न्यूमोनिया,
एच.आई.वी./एड्स तथा अन्य रोग शामिल हैं।
अतः एल्कोहल का सेवन करने
वाला व्यक्ति किसी घातक बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो वह भी
उसी बीमारी से संक्रमित हो जाता है |
पेनक्रियाटिटिस डिजीज भी है अल्कोहोलिक होने की निशानी:-
पेट में जलन पैदा करने के अलावा, शराब
पीना अग्न्याशय (पेनक्रिया) में भी जलन का कारण बनता है। जो पाचन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है और पेट
में दर्द, उल्टी और वजन घटाने का कारण बनता है।
पुरानी
पेनक्रियाटिटिस के कुछ मामले पित्त पथरी के कारण होते है, लेकिन
उनमें से लगभग 70 प्रतिशत शराब पीने के कारण होते हैं। ऐसे
व्यक्तियों का पेट ज्यादातर ख़राब रहता है और उनकी पाचन प्रणाली निष्क्रीय हो जाती
है और खाना पचना बंद हो जाता है तथा एक समय ऐसा आता है जब उनको दिन में 20-25 दस्त
होने लगते हैं |
अत्यधिक शराब का प्रयोग दे हाई ब्लड प्रेशर को बुलावा :-
शराब पीने से शरीर में सामान्य तरह से ब्लड का फ्लो नहीं हो पाता और
यह ब्लड प्रेशर को भी बढाता है। शराब वैसे भी शरीर के लिये कभी अच्छी नहीं रही
क्योंकि यह विभिन्न अंगों के कार्य क्षमता पर प्रभाव डालती है।
शराब संवेदी नर्वस सिस्टम को बाधित कर रक्त
वाहिकाओं के संकुचन और फैलाव को नियंत्रित करता है। शराब विशेष रूप से ब्लड प्रेशर में वृद्धि का कारण बनता है। समय के साथ-साथ
इसके प्रभाव बहुत क्रोनिक हो जाते हैं।
हाई बीपी कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे किडनी की समस्या ,
हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन जाता है।
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