Beat Your Body's Fat Traps With Yoga Top 12 Yoga Asanas : बस ये बारह योगासन करें और कुछ ही दिनों में शेप में आ जाएगी आपकी बॉडी

हर व्यक्ति के मन में यह डर बना रहता है कि बढ़ता मोटापा उसकी खूबसूरती पर धब्बा न बन जाए। इस मोटापे से छुटकारा पाने के लिए वह किसी न किसी जुगाड़ में लगे रहते हैं। कोई सुबह-सुबह पार्क में दौड़ लगाता नजर आता है, तो कोई जिम में कसरत करता, लेकिन मोटापा है कि जाने का नाम नहीं लेता। ऐसे में मोटापे के साथ कई और बीमारियां भी शरीर से दोस्ती कर लेती हैं। यही नहीं, अपने मोटापे को दूसरों की नजर से बचाने के लिए अपने साइज से बड़ा साइज खरीदना लोग पसंद करते हैं। लेकिन यह सब कोई स्थायी उपाय नहीं है। वजन कम करने का एक जांचा-परखा और अचूक उपाय है योगासन और प्राणायाम | तो आप लोग समझ ही चुके होंगे कि आज का हॉट टॉपिक है मोटापा, और इसका कारगर उपाय है योगासन |

'मैं वजन कम करने के लिए किसी विशेष आसन पर भरोसा नहीं करती। लगभग सभी आसन अंदर के तंत्र को साफ करने, सहनशक्ति को बढ़ाने, लचीलापन और मेटाबॉलिक दर बढ़ाने में मदद करते हैं।'  वैसे तो मैं रोज योग नहीं करती, लेकिन कुछ मुद्राएं ऐसी हैं, जिन्हें मैं अपने वर्कआउट में जरूर शामिल करती हूं, तो आज में में आपको वजन कम करने वाले कुछ चुनिन्दा योग मुद्राओं के बारे में बताने जा रही हूँ | ये योग मुद्राएँ/योगासन वजन कम करने के साथ-साथ आपके शरीर को और स्वस्थ और स्फूर्तिदायक बनायेंगे |
         1. सूर्य नमस्कार :                                                                  



यह एक बुनियादी, सबसे ज्यादा जाना-जाने वाला और व्यापक रूप से अभ्यास किया जाने वाला आसन है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है-'सूरज का अभिवादन' या 'वंदन करना'। इसमें 12 योग मुद्राओं का मिश्रण होता है, जो कि शरीर के विभिन्न भागों को केंद्रित करता है। इसकी यही खासियत इसे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद बनाती है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर को चुस्त रखने के लिए सूर्य नमस्कार एक बढ़िया तरीका है, क्योंकि यह शरीर के लगभग हर संभव अंग की कसरत करने में मदद करता है। यह कंकाल प्रणाली की सहनशक्ति बढ़ाने, तनाव और चिंताओं को दूर करने में भी सहायक है। 
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        2. वीर भद्रासन या योद्धा मुद्रा :                                                   


वीरभद्रासन-1 मुद्रा पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के सामान होती है। अपने एक पैर को पीछे की ओर खींचकर, दूसरे पैर को आगे कूदने की मुद्रा में बना लें, जिसमें घुटने 90 डिग्री मुद्रा में हो और हाथों को जोड़कर सिर के ऊपर तक ले जाएं।


वीरभद्रासन-2 के लिए आप इस मुद्रा को आगे ले जा सकते हैं, जिसमें अपने हाथ छाती के सामने ले जाएं और खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें (बाहर की और निकलती हुई), वहीं दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर ही रखें और अपने दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें। यह योद्धा मुद्रा आपके पैर, जांघ, पीठ और हाथ पर काम करती है। यही नहीं, यह रक्त प्रवाह सही करने में भी मदद करती है।

        3. त्रिकोणासन :                                                                     


यह आसन करने के लिए पैरों को फैला लें
, जिसमें सीधा पैर बाहर निकाल लें। अब अपने हाथों को बाहर की ओर खोल लें और सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर ले जाएं। सीधी कमर के साथ नीचे की ओर देखें। अपनी सीधी हथेली को जमीन पर रखें (इसे सीधे पैर के आगे या पीछे भी रखा जा सकता है) और अपने उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं। इसी प्रक्रिया को दूसरी साइड से भी दोहराएं। यह आसन शरीर की साइडों, हाथों और जांघों पर काम करता है।


        4. पूर्वोत्तनासन :                                                                      



इसकी शुरुआत करने में शायद थोड़ी मुश्किल लगे, लेकिन इसका असर आपको खुश कर देगा। यह आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों पर काम करता है। यह श्वसन प्रणाली को सही रूप से चलाने के लिए भी बहुत अच्छा आसन है। यही नहीं, यह शरीर की मुख्य ताकत को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह आपके पैरों, जांघों की अंदरूनी मांसपेशियां और हिप्स पर भी असर डालता है।

        5. बोट मुद्रा :                                                                          


पीठ के बल लेट जाएं और अपने शरीर को वीआकार, जो कि नांव (बोट) से मिलता-जुलता है, ऐसा बनाएं। मुद्रा को दस सेकंड तक बनाएं रखें। इस दौरान आपको लगेगा कि आपकी मांसपेशियां उछल रही हैं, लेकिन यकीन मानो यह आपके बैली फैट को बिल्कुल खत्म कर देगा।

        6. ब्रिज मुद्रा :                                                                           



पीठ के बल लेट जाएं और हाथ बगल में फैला लें। अब घुटनों को मोड़कर, उन्हें बाहर की तरफ फैला लें। पेट वाले हिस्से से शरीर को ऊपर की ओर उठाएं, अपने हाथों से सहारा देकर, मुद्रा को कुछ देर तक बनाएं रखें। यह मुद्रा आपके हिप्स, जांघ, पेट और पीठ पर काम करेगी।

        7. धनुरासन :                                                                           


मोटापा एक रोग है। अगर आप भी कम उम्र मोटापे के कारण परेशान हैं तो रोजाना योगा करने से बेहतर इस समस्या का कोई उपाय नहीं है। धनुरासन के बारे यह कहा जाता है की इससे मोटापे की समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है | धनुरासन एक ऐसा योगासन है जो वजन कम करने के लिए अपने आप में ही सम्पूर्ण है | धनुरासन करने से हमारे शरीर को कई लाभ होते हैं जिनमे वजन कम करना भी एक महत्वपूर्ण लाभ है |
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        8. उत्तान पादासन :                                                                   


आधुनिकता की अंधी दौड़ में खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार और जीवन पद्धति के विकृत हो जाने से आज सारा समाज अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं। खासकर वह अपच, कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से परेशान हो गया है। सभी के निदान के लिए लिए योग ही एकमात्र उपाय है। अतः पेट को अंदर करने के लिए अचूक आसन मन जाता है उत्तान पादासन। उत्तान पादासन दो प्रकार का होता है |
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        9. मकर अधोमुख शवासन :                                                                


मकर अधोमुख शवासन योग का एक एैसा आसन है जो आपके पेट की बेवजह की चर्बी को खत्म करता है। साथ ही इस आसन को करने से शरीर के अंदर ताकत और तेज आता है। यह आसन शरीर में खून के प्रभाव को ठीक रखता है। इस आसन को पुराने समय में हमारे योग गुरू किया करते थे जिससे उनका शरीर संतुलित रहता था और वे लंबे समय तक बीमारियों से मुक्त रहते थे। यह आसन थोड़ा कठिन है लेकिन प्रयास करने से यह आसन आपके लिए बहुत ही सरल हो जाएगा

        10. चक्रासन :                                                                          


चक्रासन का नियमित अभ्यास करके, आप अपने पेट को अंदर और दुरुस्‍त रख सकते हैं। इस आसान को करने के लिए पहले तो जमीं पर दरी बिछाकर पीठ के सहारे लेट जाएं, फिर घुटनों को मोड़ें| अपने पैरों के तलवे को दूरी बनाकर जमीन पर टिकाकर रखें। अब अपने दोनों हाथों को शरीर की दिशा में ले जाएं। इस बात का ख्याल रहे की आपकी हथेलियां नीचे की ओर हो। अब अपने हाथों को मिलाकर साथ रखें और शरीर को उपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा में कम से कम 1 मिनट तक रहें। अब शरीर को धीरे धीरे सतह पर ले आएं। इस योग क्रिया का अभ्यास कम से कम 4 से 5 बार करे|

        11. भुजंग आसन :                                                                    


इस आसन में शरीर की मुद्रा कोबरा सांप की तरह होती है। इस योग क्रिया को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जायें और अपने हाथ आगे की ओर रखें। इसके पश्चात अपने शरीर के ऊपरी हिस्‍से को ऊपर की उठायें जबकि कंधों को पीछे की ओर धकेलें। ऐसा करने से आपके पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होगा। इस अवस्था में करीब 10 सेकेंड तक रहें।
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        12. उष्ट्रासन :                                                                         


उष्ट्र का अर्थ ऊंट होता है | इस आसन को करते समय व्यक्ति के शरीर की आकृति ऊँट के समान टेढ़ी हो जाती है इसी कारण इसे उष्ट्रासन कहा जाता है | इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पीठ, कमर, घुटनें, जांघें, गर्दन और पैरों इत्यादि में होने वाले सभी रोग या दर्द को नष्ट करके शरीर के इन सभी भागों को मजबूत व लचीला बना देता है | ये आसन पेट की बढ़ी चर्बी को कम करके शरीर के हर अंग को मजबूत व पुष्ट बना देता है |  


स्वस्थ रहने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए शारीरिक व्यायाम ही सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। लेकिन एक बात अवश्य ध्यान रखें कि जब तक आपको योगासन के बारे में अच्छे से जानकारी न हो तब तक कोई भी आसन और प्राणायाम किसी प्रशिक्षक की देख रेख में ही करे अन्यथा गलत तरह से योगासन करने से इसका विपरीत प्रभाव आपके शरीर पर पड सकता है | 

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