Some Surprising And Proven Health Benefits of Garlic For Health, Beauty & Home Uses : लहसुन की एक कली खाने से दूर हो जाते है कई असाध्य रोग : बेशुमार औषधीय गुणों से युक्त है लहसुन ||
लहसुन एक चमत्कारी चीज है| इसमें कई तरह के औषधीय गुण होते हैं लेकिन कुछ लोगों को ही पता होता है कि खाली पेट लहसुन खाने के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे होते हैं| आपको बता दें कि ये एक नैचुरल एंटी-बायोटिक है | हर रोज लहसुन की थोड़ी मात्रा का सेवन करने से कई बीमारियां दूर रहती हैं | लहसुन से ज्यादा लाभ लेने के लिए इसे कच्चा खाना चाहिए| बहुत ज्यादा पका देने से इसके कुछ स्वास्थ्यवर्धक तत्व नष्ट हो जाते हैं|
लहसुन का सेवन करना आपके शरीर के लिए बेहद
फायदेमंद है। लहसुन का आयुर्वेद में अहम महत्व है। पुराने समय से ही लहसुन का
इस्तेमाल एक कारगर औषधि के रूप में होता आ रहा है। लहसुन में विटामिन ए, बी और सी
पाए जाते हैं। खतरनाक से खतरनाक बीमारियां खत्म कर देता है लहसुन। आप सोच भी नहीं सकते कि लहसुन की एक कली कितने रोगों को
खत्म कर सकती है। यह कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में प्रभावी है।
कुछ भी खाने या पीने से पहले लहसुन खाने से ताकत बढ़ती है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। आयुर्वेद में लहसुन को जवान बनाए रखने वाली औषधि माना गया है। साथ ही, यह जोड़ों के दर्द की भी अचूक दवा है। लहसुन में छिपे गुणों को यदि आप जानेंगे तो आप इसका उपयोग रोज करेगें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं लहसुन खाने से होने वाले ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में….
हाइपरटेंशन
से बचाए
कई
लोगों का मानना है कि लहसुन खाने से हाइपरटेंशन के लक्षणों से आराम मिलता है। यह न
केवल ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करता है, बल्कि दिल
से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। साथ ही, लीवर और
मूत्राशय को भी सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है उनके लिए खाली पेट लहसुन का सेवन
करना बहुत फायदेमंद होता है| ये ब्लड
सर्कुलेशल को बढ़ाने का काम करता है| रोज सुबह में लहसुन की 2 कली छीलकर पानी के
साथ निगल लेने से हाई ब्लडप्रेशर काबू होता है।
डायरिया दूर करे
पेट
से जुड़ी समस्याओं जैसे डायरिया आदि के उपचार में भी लहसुन रामबाण का काम करता है।
कुछ लोग तो यह दावा भी करते हैं कि लहसुन तंत्रिकाओं से संबंधित बीमारियों को दूर
करने में बहुत लाभकारी होता है,
लेकिन केवल तभी जब इसे खाली पेट खाया जाए। लहसुन
पेट संबंधी बीमारियों को भी ठीक करता है। डायरिया होने पर यदि सुबह खाली पेट कच्चा
लहसुन खाने से इस रोग से आराम मिलता है।
झनझनाहट होने पर
कभी-कभी हमारी नसों में एकदम से झनझनाहट उत्पन्न हो जाती है और हम
इसको कोई गंभीर बीमारी मानकर डॉक्टर के यहाँ चले जाते हैं, फिर डॉक्टर ढेर सारे
टेस्ट करवाता है और महंगी-महंगी दवाइयां लिख देता है, उससे हम ठीक तो हो जाते हैं
लेकिन उन दवाइयों के जो साइड इफ़ेक्ट होते हैं उनसे हमारी सेहत को नुकसान पहुँचता
है | अतः इन सबसे बचने का एक आसन तरीका है, लहसुन | यदि आपको नसों में झनझनाहट
होती हो तो इससे बचने के लिए आप कच्ची कली लहुसन की खाएं। खाली पेट लहसुन का सेवन करने से नसों में
झनझनाहट की समस्या दूर हो जाती है|
दांत के दर्द में
दांत के दर्द में लहसुन का सेवन फायदेमंद है। यदि कीड़ा लगने से दांत में दर्द हो तो आप लहसुन के टुकड़ों को गर्म करें और उन टुकड़ों को दर्द वाले दांत पर रखकर कुछ देर तक दबाएं। एैसा करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।
लौंग की ही तरह लहसुन भी दांत दर्द में काफी फायदेमंद है| प्रभावित दांत में लहसुन का तेल लगाने से दांत के दर्द में राहत मिलती है| इससे इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है|
जुकाम-बुखार में लहसुन
बुखार में भी बहुत ही फायदेमंद होता है लहसुन। बुखार ठीक करने में लहसुन एक कारगर औषधि से कम नहीं है। रोजाना खाने से बार-बार ज़ुकाम नहीं होता है। इसका एन्टीबैक्टिरीअल गुण गले के दर्द से राहत दिलाता है। बहुत दिनों के ब्रोंकाइटिस से भी राहत दिलाने में मदद करता है। फ्लू यानी इन्फलुएन्जा में सुबह उठकर गर्म पानी के साथ लहसुन और प्याज का रस पीने से फ्लू से निजात मिलता है। ठंठ के दिनों में लहसुन खाने से ठंठ नहीं लगती।
प्लेटलेटस बढ़ाता है लहसुन
गर्मियों के दिनों में डेंगू का प्रकोप फ़ैल जाता है और हम सभी जानते हैं की डेंगू होने पर शरीर में प्लेटलेटस की संख्या में तेजी से गिरावट होती है | यदि प्लेटलेटस की संख्या लगातार कम होती जाती है तो इससे रोगी की म्रत्यु तक हो सकती है | प्लेटलेटस की कमी को पूरा करने के लिए पपीते के पत्तों के अलावा लहसुन भी काफी कारगर औषधि है | यदि खून में प्लेटलेट की कमी हो गई हो तो इसके लि लहसून और नमक को बराबर मात्रा में सेवन करें।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में
आज के दौर में डायबिटिज जुकाम की तरह होने लगा है | कुछ केसेज में तो यह भी देखने को मिला है की डायबिटिज गर्भ में पल रहे शिशु को भी हो सकता है | अतः गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ डायबिटिज के रोगियों के लिए लहसुन का सेवन काफी स्वास्थ्यप्रद होता है | लहसुन शुगर यानी डायबिटिज के बढ़े स्तर को नियंत्रित करता है। लहसुन खाने से शरीर में इन्सुलिन के स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड-शगुर को नियंत्रित करने में मदद करता है। आप मधुमेह (diabetic) रोगी हो तब भी यह काम करता है।
प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में
गर्मियों के दिनों में हम सभी को अक्सर फोड़े-फुंसियों की शिकायत होती है | गर्मियों में निकलने वाले फोड़े-फुंसियों को यदि हम नजरअंदाज कर देते हैं तो वे एक गाँठ का रूप ले लेते हैं और जब भी फेवरेबल कंडीशन मिलती है तो वो फिर से पक जाते हैं | अतः हमें इनका तुरंत ही इलाज करना चाहिए और इसमें हमारी मदद करता है लहसुन | लहसुन पूरी तरह से एंटीबायोटिक है। इसलिए फोड़े होने पर लहसुन को पीसकर उसकी पट्टी बांधने से फोड़े मिट जाते हैं।
ट्यूमर में
आज-कल ट्यूमर की समस्या होना आम बात हो गयी है | ट्यूमर शरीर में किसी भी जगह उत्पन्न हो सकता है | ब्रेन में होने वाले ट्यूमर को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और यह बहुत ही घातक बीमारी होती है | यदि आप दैनिक रूप से सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन को चबा कर खायेंगे तो आपको कभी किसी भी प्रकार के ट्यूमर की समस्या नहीं होगी | लहसुन खाने से ट्यूमर को 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
आज-कल ट्यूमर की समस्या होना आम बात हो गयी है | ट्यूमर शरीर में किसी भी जगह उत्पन्न हो सकता है | ब्रेन में होने वाले ट्यूमर को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और यह बहुत ही घातक बीमारी होती है | यदि आप दैनिक रूप से सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन को चबा कर खायेंगे तो आपको कभी किसी भी प्रकार के ट्यूमर की समस्या नहीं होगी | लहसुन खाने से ट्यूमर को 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
टीबी एवं अस्थमा में
लहसुन टीबी, खांसी, अस्थमा, जुकाम, बुखार सभी के लिए काफी कारगर प्राकृतिक औषधि है | टीबी और खांसी जैसी बीमारियों को दूर करने में लहसुन बेहद लाभकारी है। लहसुनका रस निकाल के उसके रस की बूंदों को रूई में भिगोकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है। लहसुन की दो पिसी कलियां अदरक की गरम चाय के साथ दैनिक रूप से लेने पर अस्थमा की बीमारी से निजात मिलता है
फंगल इंफेक्शन में
फंगल इंफेक्शन में भी लहसुन काफी फायदेमंद है| कई बार पैरों की उंगलियों के बीच में फंगल इंफेक्शन हो जाता है| प्रतिदिन की डाइट में कच्चे लहसुन का इस्तेमाल करने से ऐसी बीमारियां दूर रहती हैं साथ ही उस जगह पर कच्चे लहसुन को पीसकर लगाने से भी फायदा होगा|
डिटॉक्सिफिकेशन में
जब डिटॉक्सिफिकेशन की बात आती है तो वैकल्पिक उपचार के रूप में लहसुन बहुत प्रभावी होता है। लहसुन शरीर को सूक्ष्मजीवों और कीड़ों से बचाता है। अनेक तरह की बीमारियों जैसे डाइबिटीज़, ट्युफ्स, डिप्रेशन और कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी यह सहायक होता है।
पाचन तंत्र को ठीक रखने और भूख बढाने में
यदि आपको भूख न लगने की समस्या हो तो लहुसन का प्रयोग करें। लहसुन खाने से भूख न लगने की समस्या ठीक होती है। लहसुन भूख को बढ़ाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करता है । जब भी आपको घबराहट होती है तो पेट में एसिड बनता है। लहसुन इस एसिड को बनने से रोकता है। यह तनाव को कम करने में भी सहायक होता है।
कैंसर से बचाव में
लहसुन में एलियल सल्फाइड (allyl sulphides) नामक एन्टी-कैंसर तत्व पाया जाता है जोकि कैंसर को ख़त्म करने का काम करता है। लहसुन कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की रोकथाम करने में आपके शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। लहसुन की कच्ची कली खाना प्रोस्टेट कैंसर में फायदेमंद है। यह ब्रेस्ट कैंसर को भी रोकता है।
गठिया रोग में
गठिया के दर्द में आराम के लिए भी लहसुन का इस्तेमाल फायदेमंद साबित है| गठिया के मरीजों के लिए ये एक अचूक दवा है| इसका एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण गठिया के दर्द में काफी आराम पहुंचाता है| यह जोड़ों और गठिया के रोग दोनों में समान रूप बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।
एंटीबैक्टिरियल है लहसुन
गठिया के दर्द में आराम के लिए भी लहसुन का इस्तेमाल फायदेमंद साबित है| गठिया के मरीजों के लिए ये एक अचूक दवा है| इसका एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण गठिया के दर्द में काफी आराम पहुंचाता है| यह जोड़ों और गठिया के रोग दोनों में समान रूप बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।
एंटीबैक्टिरियल है लहसुन
लहसुन में शरीर के विषाक्त पदार्थों को साफ करने का गुण होता है| इसे खाली पेट खाया जाए तो पेट में मौजूद बैक्टीरिया को भी दूर करने में मददगार होता है| एंटीबैक्टिरियल तत्व होने की वजह से लहसुन बुखारए दस्त और घावों आदि रोगों को ठीक करता है। लहसुन एक कारगर वैदिक औषधि है। जिसका नियमित सेवन करने से आप कई रोगों से बच सकते हो।
गर्भावस्था में
गर्भावस्था में गर्भवती स्त्री का मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक होता है | इससे गर्भ में पल रहे शिशु का अच्छी तरह से विकास होता है | गर्भावस्था (pregnancy) के दिनों में गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित करना चाहिए यह मां और उसके बच्चे के लिए काफी फायदेमंद होता है और इससे गर्भ में शिशु को पोषण भी मिलता है।
गर्भावस्था में गर्भवती स्त्री का मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक होता है | इससे गर्भ में पल रहे शिशु का अच्छी तरह से विकास होता है | गर्भावस्था (pregnancy) के दिनों में गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित करना चाहिए यह मां और उसके बच्चे के लिए काफी फायदेमंद होता है और इससे गर्भ में शिशु को पोषण भी मिलता है।
दिल को स्वस्थ रखता है लहसुन
धमनी कभी-कभी अपना लचीलापन खो देते हैं तब लहसुन उसको लचीला बनाने में बहत मदद करता है। फ्री ऑक्सिजन रैडिकल्स से हृदय की रक्षा करने में भी मदद करते हैं। सल्फर यौगिक रक्त-कोशिकाओं (blood vessels )को बंद होने से बचाता है। यदि रोज आप लहसुन की 5 कलियां खायें तो आप हृदय संबंधी रोगों से बचे रहेगें।
कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में
लहुसन का एलिसिन रक्त के ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है, जो कोलस्ट्रोल को कम करने में सहायता करता है। यह धमनियों के प्लैक (plaque) के उत्पादन को भी कम करता है। अगर आप खाली पेट लहसुन का सेवन करते है तो इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है|
एन्टी-आर्थ्रिटिक
के रूप में
इसका एन्टी-आर्थ्रिटिक गुण एलर्जी से लड़ने में मदद करता है। किसी भी प्रकार की एलर्जी में लहसुन चमत्कारिक रूप से काम करता है और वो भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के | लहसुन का रस रैशेज और बग बाइट्स के खुजलाहट को कम करने में मदद करते हैं।
इम्युनिटी बूस्टर है लहसुन
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है लहसुन । जिससे शरीर को कोई बीमारी आसानी से नहीं लगती है। लहसुन के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है| इससे हमारा शरीर ज्यादा बेहतर तरीके से मौसमी और अन्य कई बीमारियों का सामना कर पाता है|
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है लहसुन । जिससे शरीर को कोई बीमारी आसानी से नहीं लगती है। लहसुन के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है| इससे हमारा शरीर ज्यादा बेहतर तरीके से मौसमी और अन्य कई बीमारियों का सामना कर पाता है|
कान-दर्द एवं कान में कीड़ा जाना
यदि आपके कान में दर्द है तो सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को भुनकर उससे बने तेल को कान में डालें | इससे आपको कान के दर्द से रहत मिलेगी | यदिआपके कान में कीड़ा घुस गया हो तो आप लहसुन की दो कलियों को सूरजमुखी के तेल में डालकर गर्म कर लें और इस तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से कान का कीड़ा बाहर आ जाता है।
सइटिका एवं बदन के दर्द में
लहसुन कई प्रकार के दर्द में लाभ पहुंचता है | लहसुन की 8 कलियों को एक कप तिल के तेल में डालकर इसे गर्म कर लें। और इसे ठंडा करके
कमर और जांघों पर इसकी मालिश करें। यह उपाय सइटिका के दर्द को भी ठीक करता है। लहसुन
के तेल की मालिश से बदन दर्द दूर हो जाता है।
बालों के लिए फायदेमंद : लहसुन आपके बालों को काला करने में भी सक्षम है | 10 ग्राम शहद में लहसुन की 5 कलियों को पानी के साथ पीस लें और इस मिश्रणं को सुबह.शाम लेते रहें । ऐसा करने से आपके बाल प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहेंगे और घने भी हो जायेंगे |
घाव ठीक करना : चोट
की वजह से होने वाला घाव को आसानी से ठीक करता है लहसुन। लहसुन की कलियों को पीसकर
सरसों के तेल में उबाल कर घावों पर लगाएं। इस उपाय से घाव तुरंत ठीक होते हैं।
क्षयरोग में यानि तपेदिक में : तपेदिक की समस्या होने पर दिन में एक बार लहसुन की गांठ का सेवन रोज
करें। आप चाहें तो लहसुन को भूनकर भी खा सकते हैं।
घबराहट में : यदि घबराहट होने की समस्या रहती हो तो लहसुन आपको इस समस्या से बचा
सकता है। कच्चा लहसुन का सेवन करने से घबराहट और तनाव कम होता है।
श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में : लहसुन श्वसन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह अस्थमा, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ आदि की रोकथाम व उपचार में बहुत प्रभावशाली होता है।
श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में : लहसुन श्वसन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह अस्थमा, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ आदि की रोकथाम व उपचार में बहुत प्रभावशाली होता है।
सावधानियां
लहसुन का प्रयोग करते समय हमें कुछ सावधानियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए | कई बार लहसुन की अधिक मात्रा आपके स्वास्थ्य को हानिकारक प्रभाव भी दे सकती हैं। अतः इसका प्रयोग औषधि की तरह ही कीजियेगा | कुछ लोग सोचते हैं की हम इसे ज्यादा मात्रा में खायेंगे तो जल्दी असर होगा परन्तु ऐसा सोचना आपके लिए घातक साबित हो सकता है | लहसुन का उपयोग करने से पूर्व इन सावधानियों को भी गौर से पढ़िए |
1. लहसुन सांस में बदबू, मुंह, पेट या सीने में जलन, गैस, मतली, उल्टी, शरीर में गंध और दस्त का
कारण बन सकता है।
2. लहसुन के गाढ़े पेस्ट का त्वचा पर उपयोग त्वचा को जलने की तरह नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को वैद्यराज की देखरेख में लेना चाहिए |
3. लहसुन के सेवन से खून का बहाव ज्यादा होता है। इसलिए अनुसूचित सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले लहसुन का सेवन करना बंद कर दें।
4. लहसुन गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए अगर आपको पाचन संबंधी समस्या हो तो लहसुन का प्रयोग सावधानी से करे|
5. अधिक कच्चा लहसुन लेने के बाद एक स्वस्थ आदमी में दिल का दौरा पड़ने की संभावना हो जाती है |
2. लहसुन के गाढ़े पेस्ट का त्वचा पर उपयोग त्वचा को जलने की तरह नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को वैद्यराज की देखरेख में लेना चाहिए |
3. लहसुन के सेवन से खून का बहाव ज्यादा होता है। इसलिए अनुसूचित सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले लहसुन का सेवन करना बंद कर दें।
4. लहसुन गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए अगर आपको पाचन संबंधी समस्या हो तो लहसुन का प्रयोग सावधानी से करे|
5. अधिक कच्चा लहसुन लेने के बाद एक स्वस्थ आदमी में दिल का दौरा पड़ने की संभावना हो जाती है |
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