What is the best way to eat healthy during winter?: सर्दी भगाने के लिये अपनाएं ये आहार, ये आहार दिखाएँ चमत्कार.


                                 What is the best way to eat healthy during winter?        


मौसम में लगातार बदलाव आ रहा है और ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है | सभी मौसमों में सर्दी का मौसम मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, परन्तु इस मौसम में सर्दी – जुकाम जैसी बीमारियाँ होना आम बात होती है | सर्दी के मौसम का भरपूर मजा लेने के लिए आपको अपने खान-पान में कुछ बदलाव लाने होंगे, बस फिर आप इस मौसम का भरपूर आनंद उठा सकते हैं | सर्दियां तो आपको भी पसंद होंगी ही लेकिन इस मौसम में होने वाली बीमारियों से भी आप तंग हो जाते होंगे | अब चिंता करने की जरूरत नहीं है | बस इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आपके शरीर को कौन-कौन से विटामिन/मिनरल्स तथा खाद्य पदार्थों  की जरूरत होती है | सर्दियों में पारा गिरने के साथ ही साइनसाइटिस, खांसी, जुकाम और शरीर में दर्द की समस्याएं आम हो रही हैं, पर कुछ बातों का ध्यान रख कर आप आसानी से इनका मुकाबला कर सकते हैं। आयुर्वेदिक तेलों से शरीर की मालिश के अलावा कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आहार में शामिल करना सर्दियों को सुकून भरा बना देता है। तो आइये हम लोग जानने की कोशिश करते हैं कि सर्दियों में हमारा आहार किस प्रकार का होना चाहिए - 

        दालचीनी :-                                                                                                                 



दालचीनी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और इससे रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है। अगर आपको सर्दी हो गई है तो दालचीनी का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा. शहद के साथ दालचीनी का पाउडर सुबह-शाम लेने से फायदा होगा | पानी के साथ दालचीनी लेने से सर्दी और खांसी में आराम मिलता है. शहद की कुछ बूंदों को हल्के गुनगुने पानी में दालचीनी के साथ मिलाकर दिन में तीन बार लेने से सर्दी गायब हो जाती है | अगर आपको सर्दी की वजह से सिर दर्द है तो इसके लेप  से फायदा  होगा | जोड़ों  के दर्द के लिए दालचीनी  बेहद फायदेमंद  है |  हल्के गर्म पानी में दालचीनी और शहद मिलाकर पीने से आराम मिलता है | इसके तेल से मसाज  करना भी फायदेमंद साबित  होता  है |
आधे इंच की दालचीनी स्टिक को पाउडर बना कर उसे दो कप पानी में मिला लें। आधा होने तक इसे उबालते रहें। इस चाय को आधा चम्मच शहद या बिना कुछ मिलाए पिएं।

        शहद :-                                                                                                                   


यह जुकाम और खांसी में काफी राहत पहुंचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। थकावट को दूर करता है और इसमें एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण भी होते हैं। सर्दियां अपने चरम पर हैं. ऐसे ठिठुरन भरे मौसम में आपको अंदर से गरम रहने की जरूरत होती है | अंदर से गरम रहने के लिए आपको सबसे ज्यादा फायदा शहद ही दे सकता है | शहद के कई सारे गुण होते है लेकिन अगर आपको इस ठिठुरती सर्दी में अपना वजन कम करना है तो आप इसका सेवन कर सकते है | जी हां, एक रिसर्च के अनुसार, सोने से पहले हर दिन एक चम्मच शहद का सेवन करने से वजन में कमी आती है और कमजोरी भी नहीं आती | शहद प्राकृतिक होता है और इससे काफी लाभ भी मिलता है |
अदरक या दालचीनी के रस या काढ़े में मिला कर पिएं।

        अंकुरित मेथी के दाने :-                                                                                              


अंकुरित मेथी दाना वैसे भी हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद होता है परन्तु यदि सर्दियों में हम इसका सेवन करते हैं तो यह हमारे शरीर को पर्याप्त गर्मी देता है। अंकुरित मेथीदाने में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो केंसर को बढ़ने से रोकते हैं तथा उसे जड़ से ख़तम करने में मदद करते हैं | अंकुरित मेथी दाने का सेवन आप किसी भी मौसम में कर सकते हैं बस जरूरत है तो इसके अनुपात का ध्यान रखने की | यदि आप अंकुरित मेथी दाने को सीधे ही चबा कर नहीं खा सकते हैं तो आप मेथी दाने का प्रयोग चने व दाल की तरह इनके स्प्राउट्स बना कर और उन्हें सलाद व सूप में मिला कर भी कर सकते हैं ।
सर्दियों में आप दिनभर में दो चम्मच अंकुरित मेथी के दानों का सेवन करें।

        अलसी :-                                                                                                                


यह भी शरीर के तापमान को बढ़ाने यानी शरीर को गर्मी देने का काम करती है। खासतौर पर वे लोग, जिनके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं, उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। इस्तेमाल: एक चम्मच अलसी को हल्का भून लें और नाश्ते में खाने वाले अनाज में मिला कर खाएं। ओमेगा थ्री कोई विटामिन नहीं है लेकिन यह मानव शरीर के लिए बहुत जरूरी है. खासकर सर्दियों के मौसम में शरीर को इसकी ज्यादा जरूरत होती है. ओमेगा थ्री फैटी एसिड शरीर में एचडीएल (high-density lipoprotein) कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखता है. 
इस मौसम में बहुत से लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होती है. आर्थोपेडिक सर्जन डॉ जगदीश सेन का कहना है कि ओमेगा-3 हड्डियों में कैल्सियम के स्तर को बढाकर इन्हें मजबूत करता है और जोड़ों के दर्द को दूर करता है. जोडो़ में दर्द होना गठिया रोग का लक्षण है. 
अलसी का बीज इसका सबसे अच्छा स्रोत है.

        अश्वगंधा :-                                                                                                            


ठंड को दूर रखने में यह बेहद असरदार औषधि है। अश्वगंधा
अत्यंत वाजीकर अर्थात् शुक्रधातु की त्वरित वृद्धि करने वाला रसायन है। इसके सेवन से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है एवं वीर्यदोष दूर होते हैं। धातु की कमजोरी, स्वप्नदोष, पेशाब के साथ धातु जाना आदि विकारों में इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायी है। सर्दियों के मौसम में अश्वगंधा का प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है|
दिनभर में एक बार एक चम्मच पाउडर को पानी में मिला कर पिएं।

        लहसुन :-                                                                                                            


यह एक औषधि है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में इसका सेवन अधिक करें। कई शोधों में अब यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो चुकी है कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। ठंड के दिनों में गाजर, अदरक और लहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।
ठंड के मौसम में होने वाले सर्दी, जुकाम और कफ बनने की समस्या से राहत पाने के लिए नियमित रूप से लहसुन का सेवन करना जरूरी है। यह फेफड़ों की जकड़न को ठीक करने में मदद करता है, श्वसन मार्ग में श्लेष्मा (म्यूकस) को ढीला करता है तथा सर्दी जुकाम को रोकने में सहायक है। 
सब्जियों और सूप में मिला कर पीया जा सकता है।

        अखरोट :-                                                                                                         


सर्दियां अखरोट खाने के लिए सबसे मुफीद मौसम है। इसकी तासीर गर्म होती है, जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी मिलती है। सर्दियों में अखरोट स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही अच्छा माना जाता है। अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैग्नीशियम और एंटी ऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं। यह बालों और त्वचा को स्वस्थ रखता है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। अस्थमा, अर्थराइटिस, त्वचा की समस्याओं, एक्जीमा और सोरियासिस जैसी बीमारियों से सुरक्षा देता है। 
यूं सर्दियों में अखरोट की गिरी सीधी ही खायी जा सकती हैं, अन्यथा आप इसे पानी में भिगो दें और ऊपर की त्वचा को उतार कर एक अखरोट की गिरी हर रोज खाएं।

        च्यवनप्राश :-                                                                                                    


सर्दी के मौसम में च्यवनप्राश का इस्तेमाल काफी सेहत के लिए काफी मुफीद है। जाड़े के मौसम में आप यदि च्यवनप्राश का सेवन करते हैं तो यह कई रोगों से आपको दूर रखता है और बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। आयुर्वेद में च्यवनप्राश की बड़ी महत्ता बताई गई है। इसे बनाने के लिए 40-50 घटकों की जरूरत पड़ती है। लेकिन मुख्य घटक आंवला है। आंवला शरीर में नई ऊर्जा का संचार कर जल्द बुढ़ापा आने से रोकता है। दवा के रूप में कुछ लोग इसे गर्मियों में भी खाते हैं, पर सर्दियां इसे खाने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
हर रोज एक चम्मच या पैक पर दिए निर्देशानुसार इसका सेवन करें।

        कच्ची हल्दी :-                                                                                                  


सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी जायका बढ़ाने के साथ-साथ सेहत भी संवारती है। यह एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर से बचाव कर रक्त विकारों को दूर करती है। इसके और भी कई फायदे हैं। गर्म दूध में कच्ची हल्दी उबालकर पीने से मधुमेह यानी डायबिटीज में लाभ मिलता है। बता दें कि हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है। ऐसे में यदि मधुमेह रोगी प्रतिदिन किसी न किसी रूप में हल्दी का प्रयोग करते हैं तो उसके घाव जल्दी भरते हैं। हल्दी शरीर में रक्त को साफ करने के साथ-साथ तीनों दोषों यानी वात-पित्त-कफ का शमन करती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण होते हैं। 
दूध में कच्ची हल्दी को कूट कर मिलाएं और अच्छी तरह गर्म कर लें। इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिला कर बच्चों को पिलाने से ठंड और बुखार दोनों में राहत मिलती है।

        तुलसी :-                                                                                                         


तुलसी को जीवन शक्ति संवर्धक और सर्व रोग निवारक माना गया है।  हृदय रोग और सर्दी-जुकाम दोनों में इसका इस्तेमाल अच्छा रहता है। तुलसी की पत्तियों का सेवन पाचन में भी लाभकारी है।
सर्दी-खांसी के लिए तुलसी का प्रयोग काफी ,मात्रा में किया जाता है क्योंकि तुलसी में कीटाणुनाशक गुण होते हैं और यह आपको वायरल इंफेक्शन से बचाता है।
तुलसी 11 पत्ती, 5 काली मिर्च, 10 ग्राम अदरक को डेढ़ पाव जल में पकाएं। जब शेष आधा पाव जल बच जाए तो छान कर 2 चम्मच चीनी मिला कर गर्मा-गर्म चाय की तरह पिएं। सर्दी, जुकाम, थकान से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
तुलसी का पत्ता अदरक और शहद के साथ लेने से सर्दी और खांसी में काफी आराम मिलता है। गले के दर्द से राहत के लिए आप पानी में तुलसी के कुछ पत्ते उबालिए, और उसको पी लीजिए, आराम मिलेगा।

        विटामिन -सी :-                                                                                                 


इस मौसम आप सर्दी खांसी बुखार और फ्लू जैसे संक्रमण के शिकार हो जाते हैं |  विटामिन-सी में प्राकृतिक रूप से एंटी आक्सीडेंट का गुण पाया हेता है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है. यह विटामिन त्वचा के निर्माण में भी सहायक होता है और त्वचा की रंगत को बनाए रखता है |
सर्दियों में कई स्थानों पर खाद्य आपूर्ति घट जाती है | इस कारण शरीर में आइरन की मात्रा कम हो जाती है. स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का कहना है कि आइरन सबसे ज्यादा विटामिन सी में अवशोषित होता है, इसलिए यह शरीर में आइरन की मात्रा को बनाए रखता है |
संतरा, नींबू, आंवला, छुहारा और चौलाई विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं. इसके अलावा बाजार में विटामिन-सी की गोलियां भी उपलब्ध  हैं  | 

        विटामिन-डी :-                                                                                                   


विटामिन डी की जरूरत हमें साल भर होती है. सर्दियो के मौसम में जब तापमान काफी कम हो जाता है तब इसकी जरूरत बढ जाती है | इस मौसम में बहुत से लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होती है क्योंकि इस दौरान हड्डियों प्रभावित होने लगती हैं |
आर्थोपोडिक सर्जन नीरज गांधी बताते हैं कि यदि विटामिन डी शरीर को पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है तो इससे हड्डियां मजबूत होती हैं |
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी है. इसके अलावा दूध और विभिन्न अनाज भी विटामिन डी के स्रोत हैं | 

        विटामिन-ई :-                                                                                                    


विटामिन-ई से त्वचा का मॉइस्चर बरकरार रहता है. यह विटामिन त्वचा के निर्माण में भूमिका निभाता है | सर्दियों के मौसम में त्वचा अपनी नमी खो देती है और डेड स्किन सेल जमा होने लगती हैं. इन समस्याओं का निदान विटामिन-ई वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से हो सकता है | 
पालक, ब्रोकोली, विभिन्न नट, इमली, मांस मछली विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं | 

        विटामिन बी कॉम्प्लेक्स :-                                                                                    


बी-1 से लेकर बी-12 तक के सभी विटामिन सर्दियों के मौसम के लिए बहुत आवश्यक हैं | विटामिन बी कॉम्प्लेक्स समूह होंठों और मुंह की त्वचा को मुलायम बनाए रखने में सहायक है |
इसके अलावा रुखी और कटी-फटी त्वचा को भी राहत पहुंचाता है | विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन ए, डी और ई वसा में घुलनशील होते हैं वहीं विटामिल बी कॉम्पलेक्स समूह पानी में घुलनशील हैं. विटामिन बी कॉम्प्लेक्स अंडे, पत्तेदार सब्जियां, चिकन यकृत, मछली, आदि में पाया जा सकता है | 

इस पोस्ट में प्रयुक्त चित्र google image से लिए गए हैंयदि किसी को इससे कोई आपत्ति/शिकायत है तो vsmskb@gmail.com पर संपर्क करे  |

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