Worried about Hair Loss? Know How to Stop it( क्या आप गंजेपन कि समस्या से पीड़ित है,...)



किसी-किसी व्यक्ति के शरीर में हारमोन्स की कमी होने के कारण उसके शरीर के किसी अंग की पुष्टि पूरी तरह नहीं हो पातीइसलिए उस हारमोन्स को शरीर में पैदा करने की औषधि का सेवन करना जरूरी होता है। जैसे थाइरॉयड ग्लैण्ड के हारमोन्स पूरी मात्रा में न होने के कारण व्यक्ति के बाल सफेद हो जाते हैंझड़ने लगते हैं और व्यक्ति गंजा हो जाता है। हारमोन्स की इस कमी को दूर करने के लिए थाइरॉयडीनम 30 या 200 की एक मात्रा को सप्ताह में एक बार लेने से व्यक्ति के शरीर में हारमोन्स की कमी पूरी हो जाती है तथा रोगी के बाल सफेद नहीं होते और झड़ते भी नहीं हैं।



आम तौर पर तो बालों का झड़ना साफ-सफाई, अच्छे खान-पान व बालों की ठीक प्रकार देखभाल से ही कम हो जाता है, लेकिन यदि यह समस्या इन उपायों के बाद भी न रुके तो आपको डॉक्टरी मदद व दवाएं लेनी चाहिए।

कारण-
बालों का कम उम्र में झड़ने का मुख्य कारण रोगी का बहुत समय से चला आ रहा रोग, गलत खान-पान करने की आदत है, दिमाग पर ज्यादा बोझ पड़ना, बहुत तेज बुखार होने, स्त्रियों में गर्भावस्था के बाद, हारमोन्स की गड़बड़ी या पुराना खानदानी बाल झड़ने का रोग होता है।

टी.बी. रोग में बालों पर असर-
जिन व्यक्तियों को टी.बी. का रोग होता है उनके सिर या शरीर में कहीं पर भी दाद हो जाया करता है। दाद के बारे में कहा जाता है कि दाद एक कीड़े के कारण होता है। दाद का कारण कीड़ा तो होता ही है लेकिन शरीर में रोग तो पहले ही होता है फिर उस रोग से भोजन पाकर कीड़े पनपते है।


टी.बी. के रोगियों को दाद हो जाने पर बैसीलीनम औषधि देना लाभकारी रहता है। दाद हो जाने के कारण रोगी के सिर के बाल भी झड़ने लगते हैं, सिर में रूसी हो जाती है। ऐसे रोगियों को बैसीलीनम की ऊंची शक्तियां देने से दाद के साथ-साथ बालों के सारे रोग भी दूर हो जाते हैं।
विभिन्न औषधियों का प्रयोग-

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  • v मिनॉक्सिडिल- मिनॉक्सिडिल या रोजीन ऐसा लोशन है, जिसे आप अपने सिर की त्वचा पर रोज़ लगा सकते हैं या स्प्रे कर सकते हैं और यह बिना प्रेस्क्रिपशन के उपलब्ध है।कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मिनॉक्सिडिल बालों के गिरने की प्रक्रिया को धीमा करके बालों के गिरने में कमी करता है, जबकि बालों का फिर से उग आना केवल कुछ ही लोगों में देखा गया। इस दवा को निरंतर सिर पर लगाना ज़रूरी हो जाता है क्योंकि इसे रोक देने पर फिर से बाल गिरने की समस्या शुरू हो सकती है।

v फिनास्टेरॉयड- फिनास्टेरॉयड या प्रोपेसिया प्रेस्क्रिप्शन पर उपलब्ध है। यह टेस्टोस्टेरोन को डीएचटी बालों के रोमकूपों के सिकुड़ने का कारण बनने वाले हार्मोन में परिवर्तित होने से रोकती है। गर्भवती महिलाएं या ऐसी महिलाएं जो गर्भवती हो सकती हों, को यह दवा नहीं लेनी चाहिए या चूर्ण की हुई फिनास्टेरॉयड टेबलेट्स के सम्पर्क में नहीं आना चाहिए क्योंकि यह दवा त्वचा के द्वारा अवशोषित की जा सकती है, जिससे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।

v सेलेनियम- शीत प्रकृति वाले रोगियों की आंखों की भौंहों के, मूछों के और जननेन्द्रियों के बाल झड़ने पर सेलेनियम औषधि की 30 या 200 शक्ति देना लाभकारी रहता है।

v फ्लोरिक ऐसिड- गर्म प्रकृति के रोगियों के बाल अपने आप ही झड़ने लगे तो उन्हें फ्लोरिक ऐसिड की 6 या 30 शक्ति देने से उनके बाल झड़ना कुछ ही समय में कम हो जाता है।

v ऐसिड फास- किसी व्यक्ति के बाल उम्र से पहले सफेद हो जाने पर या किसी चिंता के कारण झड़ जाने पर ऐसिड फास की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।

vमेजेरियम- किसी व्यक्ति के सिर में रूसी हो जाना, बालों में खुश्की हो जाना, सिर पर चाक की तरह की पपड़िया हो जाना, सिर में हर समय खुजली सी मचते रहना आदि बालों के रोग के लक्षणों में मेजेरियम औषधि की 6 या 30 शक्ति प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
 v नाइट्रिक ऐसिड-  किसी व्यक्ति के बालों के झड़ने के साथ-साथ अगर उसके सिर पर पीबदार फुंसियां भी निकल आए जिसके कारण वह सिर में हाथ भी नहीं लगा सकता तो ऐसे बालों के रोगी को नाइट्रिक ऐसिड की 6 शक्ति का प्रयोग कराना उपयोगी साबित होता है।
 v कैलि-कार्ब-  किसी व्यक्ति के सिर में खुश्की पैदा हो जाने के साथ अगर उसके बाल भी झड़ते है तो उसे कैलि-कार्ब की 30 या 200 शक्ति का सेवन कराने से उसके बालों के रोग दूर हो जाते है।

v सिफिलीनम-  बालों के झड़ने पर अगर सिफिलीनम औषधि की 200 से 1000 शक्ति का प्रयोग किया जाए तो कुछ ही समय में बालों का झड़ना बंद हो जाता है।

v एनेथेरम-  किसी व्यक्ति के अगर दाढ़ी के बाल झड़ते है तो उसके लिए एनेथेरम औषधि की 3 शक्ति देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

v लाइकोपोडियम- लाइकोपोडियम औषधि बालों के झड़ने पर बहुत ही असरकारक औषधि के रूप में जानी जाती है। 
 

v थूजा- सिर में खुश्की हो जाना, सिर में पपड़ीदार रूसी हो जाना आदि के कारण अगर बाल झड़ते हो तो रोगी को थूजा की मूलार्क या 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।

v अस्टिलैगो- सिफिलस के कारण बालों का समय से पहले ही झड़ जाना, बालों के एक बार झड़ जाने के बाद फिर से न उगना आदि लक्षणों में रोगी को अस्टिलैगो का रस या उसकी 3 या 30 शक्ति देना लाभकारी रहता है।

v फॉस्फोरस तथा कैलकेरिया फॉस- बालों का गुच्छों के रूप में झड़ना जैसे सिर के एक भाग से बालों का एक गुच्छा निकल जाता है और फिर दूसरे भाग से बालों का एक और गुच्छा निकल जाए तो ऐसे लक्षणों में रोगी को पहले कुछ दिनों तक फॉस्फोरस की 30 शक्ति और बाद के कुछ दिनों तक कैलकेरिया फॉस की 3X मात्रा देने से लाभ मिलता है।

v नैट्रम-म्यूर- अगर स्त्री के गर्भावस्था के दौरान बाल झड़ गए हो तो उसे नैट्रम-म्यूर की 30 शक्ति या सीपिया की 200 शक्ति देने से लाभ होता है।

v आर्सेनिक- यदि रोगी के बालों की जड़ कमजोर हो जाने के कारण उसके बाल झड़ते हो, सिर में खुश्की हो, शरीर की त्वचा का खुश्क हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को आर्सेनिक औषधि का सेवन करना लाभकारी रहता है।

v बालों को झड़ने से रोकने में विटामिन डी की भूमिकाअन्यं आवश्यकताओं की तरह बालों को विडामिन डी की भी आवश्यकता होती है । ये भी एक तरह का निशुल्क नुस्खा है और बालों को गिरने से रोकता है। असल में विटामिन डी बालों को बढ़ने में काफी मददगार साबित होता है और बालों को बढ़ने के लिए यह बहुत ज़रूरी भी है। यह अपने आप में आयरन और कैल्शियम को सोख लेता है। आयरन की कमी भी बालों के गिरने की वजह होती है। लेकिन जब आप अपने शरीर पर कम से कम 15 मिनिट के लिए भी सूर्य की किरणें पड़ने देते हैं, तो आपको उस दिन के लिए ज़रूरी मात्रा में विटामिन डी की खुराक मिल जाती है। लेकिन एक बात याद रहे, जब बहुत ही ज्यादा गर्मी हो तो आप अपने सिर और त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाकर रखिये। बहुत ज्यादा गर्मी या तपती धूप आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। तो बेहतर यही होगा की आप सूर्य की किरणों का फायदा या तो सुबह उठाइए या शाम को।


v दवाओं के साथ यह भी रखें ध्यान- बालों के गिरने की एक अहम वजह तनाव भी है। तनाव से कई और बीमारियाँ भी पैदा होती हैं, इसीलिए इन बीमारियों से बचने के लिए, और बालों को गिरने से बचाने के लिए तनाव से दूर रहिये। हालांकि ऐसा कहना बहुत आसान होता है, लेकिन अगर आप पूरी तरह स तनाव से छुटकारा नहीं पा सकते तो इसे कम तो कर सकते हैं। और तनाव कम करने के लिए आपको अपनी सोच को बदलना होगा, और योग, मेडीटेशन, वगैरह जैसे उपायों से इसे कम कर सकते हैं। इसके अलावा धूम्रपान और शराब से बचें। धूम्रपान से अथेरोसेलेरोसिस का विकास होता है। अथेरोसेलेरोसिस की अवस्था में आपकी नसों और रगों पर मैल जमा हो जाती है जिससे आपके पूरे शरीर के रक्तसंचार में अवरोध पैदा होता है। फलस्वरूप, अगर आप पौष्टिक आहार का सेवन भी कर रहे हैं तो भी पौष्टिक तत्व आपके बालों की जड़ों तक नहीं पहुँच पाते क्योंकि आपके सिर तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुँचता। इस दशा में आपके बाल कमज़ोर होने लगते हैं और गिरने लगते हैं। धूम्रपान की वजह से, सेक्स समस्याएं , दौरे पड़ना, उच्च रक्त चाप, हार्ट एटेक वगैरह जैसे रोग भी पैदा होते हैं। तो, अगर आपको अपनी ज़िन्दगी से प्यार है (न सिर्फ अपने बालों से) तो आज ही धूम्रपान करना छोड़ दीजिये।




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