Ayurvedic treatment of cancer - Natural herbs and therapy for cancer : भारत का आयुर्वेदिक ज्ञान : जानिए कैंसर का प्राकृतिक उपचार, जिससे शतप्रतिशत कैंसर जायेगा हार
हमारे
शरीर की सबसे छोटी यूनिट सेल (कोशिका) है। शरीर में 100
से 1000 खरब सेल्स होते हैं। हर वक्त ढेरों
सेल पैदा होते रहते हैं और पुराने व खराब सेल खत्म भी होते रहते हैं। लेकिन कैंसर
में यह संतुलन बिगड़ जाता है। उनमें सेल्स की बेलगाम बढ़ोतरी होती रहती है। गलत
लाइफस्टाइल और तंबाकू, शराब जैसी चीजें किसी सेल के जेनेटिक
कोड में बदलाव लाकर कैंसर पैदा कर देती हैं। कैंसर सेल अपने जैसे सेल बेतरतीब
तरीके से पैदा करता जाता है। वे सही सेल्स के कामकाज में रुकावट डालने लगते हैं।
कैंसर सेल एक जगह टिककर नहीं रहते। वे शरीर में किसी दूसरी जगह जमकर वहां भी अपने
तरह के बीमार सेल्स का ढेर बना डालते हैं और उस अंग के कामकाज में भी रुकावट आने
लगती है। इन अधूरे बीमार सेल्स का समूह ही कैंसर होता है।
जानिए
क्या है कैंसर का अचूक आयुर्वेदिक उपचार :
यूँ
तो एलोपेथिक डॉक्टर्स कैंसर को ठीक करने के कई वादे करते हैं , लेकिन कुछ समय बाद
वो कह देते हैं कि “आई एम सॉरी सर” हमने पूरी कोशिश की लेकिन इनका कैंसर बढ़ता ही
जा रहा है, आप कीमो थेरेपी करवाते रहिये , भगवान ने चाह तो शायद ये ठीक हो जाएँ |
इसके बाद हम कीमो करवाते रहते हैं और अंततः हमारे हाथ से सब कुछ निकल जाता है | सब
लोग बोलते हैं की एक बार कैंसर हो जाने पर कोई रोगी ठीक नहीं होता है फिर भी जब
परिवार में किसी को कैंसर होता है तो हम ना जाने कितने डॉक्टर्स के यहाँ के चक्कर
काटते हैं| अरे ! जब कैंसर कोई ठीक ही नहीं कर सकता तो डॉक्टर्स के चक्कर काटने का
क्या फायदा ? कैंसर के रोगी की कैंसर से मृत्यु नहीं होती है, बल्कि जो treatment उसे दिया जाता है उससे मृत्यु
सबसे अधिक होती है । इसका मतलब साफ़ है कि कैंसर से ज्यादा खतरनाक कैंसर का इलाज
है, और Treatment भी कैसा है यह तो सभी जानते ही है, मतलब Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया । यदि आप डॉक्टर्स के चक्कर काट-काट के परेशान हो
चुके हैं तो एक बार इस प्राकृतिक उपचार को भी आजमा के देखने में कोई बुराई नहीं है
| कैंसर के इस प्राकृतिक उपचार में आपको केवल तीन चीजों की जरूरत पड़ेगी जोकि आपको
अपने घर के पास के बाजार में ही मिल जाएँगी | वह तीन चीजें हैं – हल्दी, गौमूत्र, पुनर्नवा |
क्या आप जानते हैं कि ये साधारण से दिखने वाले पदार्थ आपके कैंसर को बढ़ने से रोक
सकते हैं ? आज हम आपको यही बताएँगे कि ये साधारण से दिखने वाले पदार्थ कैसे कैंसर
का जड़ से खात्मा कर सकते हैं |
हल्दी,
गौमूत्र, पुनर्नवा से कैसे होता है कैंसर का इलाज ?
क्या
आपको पता है कि हल्दी कैंसर ठीक करने की ताकत रखती है ! कैसे ताकत रखती है वो जान
लीजिये। हल्दी में एक केमिकल पाया जाता है, उसका नाम होता
है कर्कुमिन (Carcumin) और ये कर्कुमिन ही कैंसर cells
को मार सकता है बाकी कोई केमिकल बना ही नहीं है दुनिया में जो कैंसर
cells का खात्मा कर सके । हल्दी जैसा ही कर्कुमिन और एक चीज में है, और वो है देशी गाय के मूत्र में । अब तो यह एलोपेथिक डॉक्टर्स ने मान लिया
है । हम लोग आज विज्ञान के युग में जी रहे हैं और अब कोई भी बात हम तब तक नहीं
मानते हैं जब तक उस बात की साइंटिफिक डेफिनेशन या साइंटिफिक प्रूफ ना दिया जाये |
अतः हम जो औषधियां आपको बता रहे हैं वो साइंटिफिकली प्रूवन हैं |
औषधि
तैयार करने की विधि :
“यह औषधि तैयार करने के लिए आपको आधा कप देशी गाय का मूत्र, आधा चम्मच पुनर्नवा का पाउडर
और आधा चम्मच हल्दी चाहिए | इसके बाद आप इन तीनों सामग्री को मिला के गरम करें |
यह आपको तब तक गरम करना है जब तक मिश्रण में उबाल ना आ जाये| उबाल आने के बाद आप
मिश्रण को गैस से नीचे उतार लें और उसको ठंडा कर लें। मिश्रण जब कमरे के तापमान
में आ जाये उसके बाद रोगी को इस मिश्रण को चाय की तरह पिलाएं, चुस्कियां ले ले कर । पुनर्नवा Complementary है,
जो आयुर्वेद की दुकान में पाउडर या छोटे छोटे टुकड़ों में मिलती है|”
याद रखें इस दवा में सिर्फ देशी गाय का मूत्र ही काम में आता है।
विदेशी जर्सी का मूत्र कुछ काम नहीं आता ।
जो देशी गाय काले रंग की हो, उसका मूत्र सबसे अच्छा
परिणाम देता है इन सब में । आप इस औषधि को (देशी गाय की मूत्र, हल्दी, पुनर्नवा ) सही अनुपात में मिलाकर, उबालकर,
ठंडा करके कांच के पात्र में स्टोर रख सकते हैं | आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना
है जैसेकि आप इस औषधि की बोतल को कभी भी फ्रिज में मत रखिये तथा सीधे धूप के
संपर्क में आने से भी बचाइए | ये दवा कैंसर के सेकंड
स्टेज में और कभी कभी थर्ड
स्टेज में भी बहुत अच्छे परिणाम देती है । परन्तु यदि अपने किसी रोगी को Chemotherapy दिला दिया है तो फिर इसका कोई असर नहीं होता है।
1. इस दवा में सिर्फ देशी गाय का मूत्र ही काम में आता है। विदेशी जर्सी का मूत्र कुछ काम नहीं आता है |
2. इसमें
एक सावधानी और रखनी है कि गाय का मूत्र लेते समय आपको यह ध्यान रखना है की गाय गर्भवती
नहीं होनी चाहिए । गाय की जो बछड़ी है, जो माँ नहीं
बनी है, उसका मूत्र आप कभी भी ले सकते हैं ।
3. इस औषधि की बोतल को कभी भी फ्रिज में मत रखिये तथा सीधे धूप के संपर्क में आने से भी बचाइए |
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