What is Acupressure? : Acupressure for Beginners : Explore Integrative Medicine for your health : एक्युप्रेशर क्या है ? जानिए कैसे एक्युप्रेशर के द्वारा आप घर पर ही अपनी कई बीमारियाँ ठीक कर सकते हैं !
What is Acupressure? : Acupressure for Beginners
शरीर के सूक्ष्म से सूक्ष्म भाग का संबंध पूरे शरीर से होता है। इसी
कारण जब शरीर के किसी भाग में तीव्र पीड़ा होती है अथवा कष्ट होता है तो हमें कुछ
भी अच्छा नहीं लगता। शरीर में प्रत्येक अंग, उपांग, अवयव, अन्तःश्रावी ग्रंथियों आदि से संबंधित कुछ
महत्त्वपूर्ण प्रतिवेदन बिन्दु हमारी हथेली और पगथली में होते हैं। जिस प्रकार
किसी भवन की बिजली का सारा नियन्त्रण मुख्य स्विच बोर्ड से होता है। ठीक उसी
प्रकार ये प्रतिवेदन बिन्दु शरीर के किसी न किसी भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जिस प्रकार कोई व्यक्ति किसी का पिता, किसी का भाई, किसी का पति तो अन्य किसी का दादा, नाना, पुत्र, चाचा, मामा, मित्र आदि भी हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति का फोटों अलग-अलग स्थानों से लिया जायें तो एक ही व्यक्ति के
फोटों में अन्तर हो सकता है। ठीक उसी प्रकार से ये प्रतिवेदन बिन्दु भी शरीर के
अलग-अलग भागों से संबंधित हो सकते हैं। यानी एक ही प्रतिवेदन बिन्दु के शरीर में
अनेक संबंध हो सकते हैं।
मॉडर्न मेडिसिन के अलावा एक्युपंक्चर और एक्युप्रेशर भी इलाज का
बेहतरीन तरीका हो सकते हैं। इनमें बेशक इलाज में ज्यादा वक्त लगता है, लेकिन कोई साइड इफेक्ट
नहीं होता। हमारे देश में ये सिस्टम बहुत चलन में नहीं हैं लेकिन चीन में ज्यादातर
इन्हीं के जरिए इलाज किया जाता है। हालांकि अब ये तरीके अपने यहां भी इस्तेमाल में
लाए जा रहे हैं।
एक्युपंक्चर/एक्युप्रेशर का मतलब
एक्यु चीनी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है पॉइंट, यानी अगर शरीर के कुछ खास
पॉइंट्स पर सूई से पंक्चर (छेद) कर इलाज किया जाए तो एक्युपंक्चर कहलाता है और अगर
उन्हीं पॉइंट्स पर हाथ से या किसी इक्युपमेंट से दबाव डाला जाए तो एक्युप्रेशर
कहलाता है। अगर पैरों और हाथों के पॉइंट्स को दबाते हैं तो रिफ्लेक्सॉलजी कहलाता
है, जबकि मसाज के जरिए पूरे
शरीर के पॉइंट्स दबाने को शियात्सु कहते हैं। अगर एनर्जी कम है तो क्लॉकवाइज और
ज्यादा है तो एंटी-क्लॉकवाइज दबाया जाता है। इसके अलावा, प्रेस और रिलीज तकनीक भी
अपना सकते हैं यानी कुछ देर के लिए पॉइंट को दबाएं, फिर छोड़ दें। ऐसा
बार-बार करें।
इसमें कितना वक्त लगता है ?
शरीर में कुल 365 एनर्जी पॉइंट होते हैं।
अलग-अलग बीमारी में अलग-अलग पॉइंट असर करते हैं। कुछ पॉइंट कॉमन भी होते हैं।
एक्युपंक्चर का एक सेशन 40-60 मिनट का होता है और एक बार में 15-20 पॉइंट्स पर पंक्चर किया
जाता है। एक्युप्रेशर में हर पॉइंट को दो-तीन मिनट दबाना होता है। आमतौर पर 3-4 सेशन में असर दिखने लगता
है और 15-20 सिटिंग्स में पूरा आराम आ
जाता है। हालांकि इलाज लंबा भी चल सकता है। एक सिटिंग के 500 से 1000 रुपये तक लिए जाते हैं।
अच्छे डॉक्टर इलाज से पहले इलेक्ट्रो मेरिडियन इमेजिंग (ईएमआई) टेस्ट करते हैं, जिसमें एनर्जी लेवल और
पॉइंट्स की जांच की जाती है।
एक्यु योग भी जानें
एक्युपंक्चर पॉइंट्स के साथ मिलाकर योग किया जाए
तो एक्यु योग कहलाता है। जैसे कि एक्युपंक्चर या प्रेशर से शुगर के मरीज के
स्प्लीन (तिल्ली) या पैंक्रियाज पॉइंट को जगाया जाता है और साथ में शलभासन कराया
जाता है, जोकि स्प्लीन या
पैंक्रियाज के लिए फायदेमंद है। अस्थमा में फेफड़ों के पॉइंट्स को दबाने के अलावा
प्राणायाम कराया जाता है। अगर मरीज को योग और एक्युप्रेशर पॉइंट, दोनों की जानकारी हो तो
अच्छा है।
एक्युप्रेशर करने के लिए कुछ सरल एवं महत्वपूर्ण सुझाव :
ïकंक्रीट पर रोजाना 10-15 मिनट नंगे पैर चलें।
ध्यान रखें कि जहां चलें, वह एरिया साफ-सुथरा हो ताकि पैरों को कोई चोट न
पहुंचे। नंगे पैर चलने से तलुवों में मौजूद पॉइंट्स दबते हैं, जिससे खून का दौर बढ़ता
है। इससे थकान और तनाव कम होता है और पैरों, घुटनों व शरीर के दर्द
में राहत मिलती है। जो लोग नंगे पांव नहीं चलना चाहते, वे सरसों या किसी भी तेल
से तलुवों की जोर-जोर से तब तक मसाज करें, जब तक कि उनसे गर्मी न
निकलने लगे। एक्युप्रेशर चप्पलें भी फायदेमंद हैं।
ïनहाते हुए रोजाना तलुवों को ब्रश से 4-5 मिनट अच्छी तरह रगड़ें।
ïहफ्ते में दो बार सिर की 5-10 मिनट अच्छी तरह से मसाज
करें। इसके अलावा सीवी 20 पॉइंट (जहां कई लोग चोटी रखते हैं) पर रोजाना 15-20 बार हल्के हाथ से मारें।
इससे करीब 100 पॉइंट जागते हैं।
डिप्रेशन से लेकर मेमरी लॉस, पार्किंसंस जैसी प्रॉब्लम्स में मदद मिलती है।
ïकान के नीचे वाले हिस्से (इयर लोब) की रोजाना पांच मिनट मसाज करने से याददाश्त बेहतर होती है। यह टिप पढ़नेवाले बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है।
ïअगर भूख कम करनी है तो खाने से आधा घंटा पहले कान के बाहर छोटेवाले हिस्से (ट्राइगस) को दो मिनट उंगली से दबाएं। भूख कम लगेगी। यहीं पर प्यास का भी पॉइंट होता है। निर्जला व्रत में लोग इसे दबाएं तो प्यास कम लगेगी।
ïजीभ रोजाना अच्छी तरह से साफ करें। जीभ में हार्ट, किडनी आदि के पॉइंट होते हैं। जीभ की सफाई के दौरान ये दबते हैं।
ïतीखे किनारों वाले रोलर को हाथ पर फेरें तो कई दर्द गायब हो जाते हैं।
ïरोजाना 5-7 मिनट तालियां बजाएं। इससे हाथों में मौजूद एक्युप्रेशर पॉइंट जागते हैं।
ïस्टमक 36, रेन 6 और स्प्लीन 6 को टोनिफिकेशन पॉइंट कहा जाता है। इन्हें रोजाना एक-एक मिनट दबाएं तो कार्यक्षमता और इम्यूनिटी बढ़ती है। एनर्जी बनी रहती है।
नोट:
ïकान के नीचे वाले हिस्से (इयर लोब) की रोजाना पांच मिनट मसाज करने से याददाश्त बेहतर होती है। यह टिप पढ़नेवाले बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है।
ïअगर भूख कम करनी है तो खाने से आधा घंटा पहले कान के बाहर छोटेवाले हिस्से (ट्राइगस) को दो मिनट उंगली से दबाएं। भूख कम लगेगी। यहीं पर प्यास का भी पॉइंट होता है। निर्जला व्रत में लोग इसे दबाएं तो प्यास कम लगेगी।
ïजीभ रोजाना अच्छी तरह से साफ करें। जीभ में हार्ट, किडनी आदि के पॉइंट होते हैं। जीभ की सफाई के दौरान ये दबते हैं।
ïतीखे किनारों वाले रोलर को हाथ पर फेरें तो कई दर्द गायब हो जाते हैं।
ïरोजाना 5-7 मिनट तालियां बजाएं। इससे हाथों में मौजूद एक्युप्रेशर पॉइंट जागते हैं।
ïस्टमक 36, रेन 6 और स्प्लीन 6 को टोनिफिकेशन पॉइंट कहा जाता है। इन्हें रोजाना एक-एक मिनट दबाएं तो कार्यक्षमता और इम्यूनिटी बढ़ती है। एनर्जी बनी रहती है।
नोट:
ऊपर बताई गतिविधियां को
करने से वाइट ब्लड सेल्स बढ़ते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम
को बेहतर करते हैं। ध्यान रखें कि इनसे पूरी बीमारी ठीक नहीं होगी, लेकिन राहत जरूर मिलेगी।
बीमारी ठीक करने के लिए पूरा इलाज करना होगा।
हमारी अगली पोस्ट में हम आपको एक्युप्रेशर पॉइंट के बारे में विस्तृत में जानकारी देंगे |
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