Some Amazing and Wonderful Health Benefits of Jaggery (Gur) : गुड़ के हैं कई चमत्कारिक गुण : जानिए गुड़ खाने के कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ
Some Amazing and Wonderful Health Benefits of Jaggery (Gur)
गुड़ गन्ने से तैयार
एक शुद्ध,
अपरिष्कृत पूरी चीनी है। यह खनिज और विटामिन है जो मूल रूप से गन्ने
के रस में ही मौजूद हैं। यह प्राकृतिक होता है। इसे चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता
है। गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया मे किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों मे
गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है। भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों
के संक्रमण के उपचार में लाभदायक होता है। चूँकि गुड़ तेजी से रक्त में नही मिलता
है इसलिए यह चीनी की तुलना में, अधिक स्वास्थ्यवर्धक है।
वैसे, वह अपने स्वयं के व्यक्तिगत आहार में भी इसका प्रयोग
करते थे साथ ही वह दूसरो को भी इसके प्रयोग की सलाह देते थे।
गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस,
मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन
और कुछ मात्रा मे कॉपर जैसे स्वास्थ्य वर्धक पदार्थ होते हैं। आँकड़ों के अनुसार
गुड़ में ब्राउन शुगर की अपेक्षा पाँच गुना अधिक और शक्कर की अपेक्षा पचास गुना अधिक
मिनरल्स होते है। गुड़ की न्यूट्रीशन वैल्यू शहद के बराबर है। गुड़ आधे सिर के
दर्द से बचाव करता है| स्त्रियों में मासिक धर्म से सम्बंधित परेशानियों को ठीक
करता है और शरीर को ठंडा रखता है| तो आइये जानते हैं
इसके कुछ औषधीय गुणों के बारे में-
गुड़ में हैं औषधीय गुण :-
गुड़ का सेवन ज्यादातर लोग ठंड में ही करते हैं, वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृत्ति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है। गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।
गुड़ का सेवन ज्यादातर लोग ठंड में ही करते हैं, वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृत्ति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है। गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।
गुड़ में सुक्रोज, ग्लूकोज, खनिज तरल और जल अंश मौजूद होते हैं। इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसलिए चाहे हर मौसम में आप गुड़ खाना न पसन्द करें लेकिन ठंड में गुड़ जरूर खाएं। यदि आपको गुड़ खाने में अच्छा ना लगे तो आप गुड़ की कोई रेसिपी बनाकर भी खा सकते हैं |
खून की
सफाई करता है गुड़
गुड़ रोज खाने से खून
की सफाई होती है। यह खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढाता है। रोग-प्रतिरोधक
क्षमता में इजाफा करता है और खून में जुडी समस्याओं से हमारी रक्षा करता है। गुड़ खाने से हमारे शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की वृद्धि होती है और हीमोग्लोबिन के स्टार में भी बढ़ोतरी होती है |
एसिडिटी
में सहायक गुड़ :-
अगर आप गैस या असिडिटी से परेशान हैं तो खाने के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं ऐसा करने से ये दोनों ही समस्याएं नहीं होती हैं। खाना खाने के बाद इसे खाने से गैस नहीं बनती है। गुड़, सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
स्मरण
शक्ति बढ़ाता है गुड़ :-
गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती
है। शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालता है व सर्दियों में यह शरीर के तापमान
को नियमित करने में मदद करता है। गुड़ खाने से याद्दाश्त कमजोर नहीं होती, इसलिएअगर आप अपनी याद्दाश्त दुरुस्त रखना चाहते हैं,तो
इसका नियमित सेवन करें।
थकान
दूर करता है गुड़ :-
यह
सेलेनियम के साथ एक ऐंटिऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है। गुड़ में मध्यम मात्रा
में कैल्शियम, फॉस्फोरस व जस्ता पाया जाता है यही कारण
है कि इसका रोजाना सेवन करने वालों की इम्युनिटी पावर बढ़ता है। गुड़ में
मैग्निशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए ये बॉडी को रिचार्ज करता है साथ ही
इसे खाने से थकान भी दूर होती है। थकान मिटाने के लिए गुड़ का शर्बत पीएं। गुड़ का सेवन करने से स्वास्थ्य उत्तम
होता है। कड़ी मेहनत करने वाले व्यक्ति को थकान मिटाने के लिये गुड़ का शर्बत पीना
चाहिये।
कान दर्द की समस्या दूर करता है गुड़ :-
ठंड में कई लोगों को कान के दर्द की
समस्या होने लगती है। ऐसे में कान में सरसों का तेल डालने से व गुड़ और घी मिलाकर
खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है। अगर आपके कान में दर्द रहता है, तो घी में गुड़ मिलाकर खाएं।
अस्थमा और ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है गुड़ :-
गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी
में अस्थमा परेशान नहीं करता है। रोजाना गुड़ का सेवन हाइब्लडप्रेशर को कंट्रोल
करता है। जिन लोगों को खून की कमी हो उन्हें रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ जरूर खाना
चाहिए। इससे शरीर में हीमॉग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
पाचन में फायदेमंद है गुड़ :-
गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉलिज्म ठीक करता है। रोज एक
ग्लास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है और पाचन ठीक रखता है।
गुड़ में हरड़ के चूर्ण को मिलाकर अग्नि प्रदीप्त होती है, जिससे
पाचन शक्ति बढ़ती है, और भूख ठीक से लगती है। खाना खाने के
बाद थोड़े से गुड़ का सेवन करने से खाना ठीक से पचता है।
अनीमिया का उपचार में सहायक गुड़ :-
गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत है इसलिए यह अनीमिया के मरीजों के लिए
बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक जरूरी है। गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद है गुड़ :-
त्वचा के लिए फायदेमंद है गुड़ :-
जब रक्त में टॉक्सिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो हमें कई प्रकार की त्वचा सम्बन्धी बीमारियों का सामना करना पड़ता है | गुड़ रक्त से टॉक्सिन दूर करता है जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
जुकाम और कफ के लिए गुड़ :-
गुड़ की तासीर गर्म है इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुण नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
तुरंत ऊर्जा के लिए गुड़ :-
बहुत अधिक थकान या कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन तुरंत ऊर्जा देता है। चूंकि यह बहुत जल्दी पच जाता है इसलिए इससे ब्लड में शुगर का स्तर भी तुरंत नहीं बढ़ता है।
दमा का उपचार के लिए गुड़ :-
गुड़ शरीर के ताप पर नियंत्रण करता है और इसमें एंटी एलर्जिक तत्व भारी मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए दमा के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद है। यह दमा का सरल व सस्ता इलाज है | गुड़ एवं सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से श्वास एवं दमा में लाभ होता है| अस्थमा से परेशान लोगों के लिए गुड़ और काले तिल से बने लड्डू खाना फायदेमंद होता हैं।
जोड़ों के दर्द से आराम दिलाये गुड़ :-
सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या आम होती है |सर्दियां आते ही हमारे घुटनों में दर्द शुरू हो जाता है अतः इस समस्या से निजात पाने के लिए रोज गुड़ का एक टुकड़े अदरक के साथ सेवन करना चाहिए जो आपको सर्दियों में जोड़ों के दर्द से दूर रखता है।
पीरियड्स में फायदेमंद है गुड़ :-
जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होता है उनके लिए गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद है। चूंकि यह पाचन ठीक रखता है इसलिए पीरियड्स के दर्द से आराम पहुंचाने में यह फायदेमंद है। गुड़ को तिल के क्वाथ में मिलाकर सेवन करने से बंद मासिक स्त्राव पुनः प्रारम्भ हो जाता है। यह लड़कियों के मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार होता है।
ह्रदय रोगियों के लिए लाभदायक है गुड़:-
दिल
की बीमारी से परेशान लोगों के लिए गुड़ काफी लाभदायक साबित होता है। गुड़ में पोटैशियम होने के कारण यह
हृदय रोगियों के लिये लाभकारी होता है, एवं कैल्शियम होने के कारण बच्चों के विकास
में सहायक सिद्ध होता है।
पुराने से पुराना ज्वर ठीक कर देता है गुड़ :-
जुकाम-बुखार
को भगाने में भी ये लाभदायक साबित होता है। एक-एक दिन का गैप देकर आने वाले ज्वर
में गुड़ और फिटकरी का चूर्ण मिलाकर छोटी गोलियां बनाकर खाने से पुराने से पुराना
ज्वर भी ठीक हो जाता है। यह नुस्खा 95 प्रतिशत कामयाब है।
कृमि नाशक है गुड़ :-
गुड़ को गुनगुन पानी में घोलकर उसमें
शुद्ध घी की दो बूंदें डालकर सेवन करने से पेट के कृमि बाहर निकल जाते हैं। पेट
साफ हो जाता है। नीम की छाल को पानी में उबाल लें जब आठवां हिस्सा शेष बचे तो
उसमें गुड़ मिलाकर रात में सेवन करने से मल के साथ कृमि बाहर निकल जाते हैं। यदि
आप कृमि नाशक दवा लेने से पहले गुड़ का सेवन करने से कृमि मृत होकर मलद्वार से
बाहर हो जाते हैं।
माइग्रेन के दर्द से आराम दिलाता है गुड़ :-
माइग्रेन में गुड़ काफी लाभकारी होता
है | यदि आपको माइग्रेन का आधे सिर का दर्द होने पर 10 ग्राम गुड़, 5
ग्राम देशी घी में मिलाकर सूर्योदय से पहले एवं बाद में सेवन करने
से दर्द में आराम मिलता है। सामान्य दर्द में भी गुड़ खाने से आराम मिल जाता है |
प्रमेह में लाभ
पहुंचाए गुड़ :-
गुड़ में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो
हमारे शरीर की कई बीमारियों का नाश करने में सक्षम होते हैं | ऐसी ही एक बीमारी है
प्रमेह | यदि आप प्रमेह से पीड़ित हैं तो पुराने सूखे गुड़ को महीन पीसकर उसमें
सोंठ को मिलाकर सूंघने से प्रमेह में लाभ होता है। 20 ग्राम गुड़ एवं 10 ग्राम
आँवला का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से प्रमेह में लाभ होता है।
गर्भावस्था के उपरान्त करें गुड़ का सेवन :-
बच्चे के जन्म के पश्चात उत्पन्न हुई
दुर्बलता को दूर करने के लिए गुड़ का सेवन करना चाहिए | दुर्बलता दूर करने के लिए
आप गुड़ का हरीरा बनाकर उसका सेवन करें | इससे स्त्रियों में गर्भाशय की सफाई होकर
नयी स्फूर्ति पैदा होती है। गर्भावस्था में पुराने गुड़ का लड्डू बनाकर खाने से
दुर्बलता दूर होती है| बच्चे के जन्म के बाद माता को गुड़ देने से कर्इ
बड़ी बीमारियां दूर होती हैं यह मिनरल्स की कमी को दूर करता है बच्चे के जन्म के 40
दिनों के अन्दर माता के शरीर में बनने वाले सभी ब्लड क्लाट्स को खत्म
करता है।
किसी भी मौसम में खा सकते हैं गुड़ :-
एक वर्ष पुराना गुड़ रूचिवर्धक, अग्निवर्धक, लघु एवं वात पित्त नाशक होता है। ज्वर
का नाश करने वाला एवं हृदय को बल देने वाला होता है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि गर्मी के मौसम में इसका सेवन नहीं करना
चाहिए। अगर आपको भी यही लगता है, तो ये आपकी गलत फहमी है। ये
एक ऐसी चीज है, जिसे किसी भी मौसम में खाया जा सकता है।
गुड
के अन्य लाभ :-
Ê अगर आपको कम भूख लगती है, तो इसका सेवन करें, इसका सेवन करने से भूख ज्यादा लगती है।
Ê अगर आपको कम भूख लगती है, तो इसका सेवन करें, इसका सेवन करने से भूख ज्यादा लगती है।
Êगुड़
खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
Êइसे
खाने से बैठे हुए गले को ठीक किया जा सकता है।
Êगुड़
से बनी चाय सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, इसलिए चाय
में चीनी की जगह गुड़ डालें।
Êअगर
आपको खट्टी डकारें आती हैं, तो गुड़ में काला नमक मिलाकर
चाटें. ऐसा करने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाएंगी|
Êनया
गुड़ हल्का खारा, वीर्यवर्धक, बात कफ नाशक होता है मगर यह पित्त एवं रक्त के रोगियों के लिये हानिकारक
होता है।
Êगुड़ में बेल का गूदा मिलाकर सेवन करने से अतिसार में लाभ होता
है।
Êगुड़ को गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दो बार पीने से मूत्र
खुल कर आता है।
Êगुड़ में अजमायन मिलाकर शल्य पट्टी बाँध देने से पांव अथवा
किसी अन्य अंग में लगा कांटा,
कांच, कंकण आदि बाहर निकल जाते हैं।
Êदो पके हुये केले लेकर इनके गूदे में गुड़, नमक या दही मिलाकर खाने
से पेचिश दूर हो जाती है।
Êयदि छोटा बच्चा यदि गलती से तम्बाकू खा ले तो विशाक्तता से
बचने के लिये गुड़ अथवा गन्ने का रस बच्चे को पिलायें।
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