Foods To Avoid If You Have Hyper-thyroidism (हाइपर-थाइरॉइडिस्म कि समस्या है तो भूल कर भी ना ले यह आहार )

थाइराइड की स्थिति में या तो थाइराइड हार्मोन अधिक बनता है जिसे हाइपर-थाइरॉइडिस्म कहा जाता है या कम होता है जिसे हाइपो-थायरायडिज्म कहा जाता है। हाइपर-थायरायडिज्म में यह ग्रंथि ज्यादा प्रभावी होती है और थाइराइड हार्मोन (थाइरॉक्सिन) ज्यादा पैदा करती है।
थाइराइड
एक हार्मोन पैदा करने वाली ग्रंथि है जो कि गर्दन के पीछे होती है। थाइराइड ग्रंथि
थाइराइड हार्मोन पैदा करती है। यह शरीर की हर कोशिका, हर अंग
और हर ऊतक पर प्रभाव डालती है। यह शरीर का तापमान, शरीर का वजन,
हार्ट रेट, पाचन क्रिया, ऊर्जा सबको नियंत्रित करती है। हालांकि यह बहुत छोटा अंग है लेकिन इसका बेहतर
कार्य हमारे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण है।

क्या है हाइपर-थाइरॉइडिस्म की समस्या-
क्या है हाइपर-थाइरॉइडिस्म की समस्या-
थाइराइड ग्रंथि से थाइराइड हार्मोन स्रवित होता है। यह ग्रंथि हमारे शरीर कि
प्रत्येक कोशा ऊतक पर भी प्रभाव डालती है | इसके अलावा यह शरीर का तापमान,
वजन, हार्ट रेट, पाचन
क्रिया, ऊर्जा सबको नियंत्रित करती है। हालांकि यह बहुत छोटा
अंग है लेकिन यह हमारी तंदुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण है। जब थाइराइड हार्मोन अधिक
बनता है तो उस स्थिति को हाइपर-थाइरॉइडिस्म कहा जाता है। हाइपर-थाइरॉइडिस्म में यह
ग्रंथि कफी प्रभावशील हो जाती है और अधिक मात्रा में हार्मोन्स स्रावित करती है । यदि
आपको हाइपर- थाइरॉइडिस्म कि समस्या है तो आपको निम्न आहार लेने से बचना चाहिए

अधिक शुगर वाले आहार(HIGH SUGARY FOOD)
अधिक
शुगर वाले पदार्थों का सेवन कम कर देना चाहिए | हाइपर-थाइरॉइडिस्म से ग्रस्त लोगों
को गन्ना,
डेक्सट्रोस, हाई फ्रूटस कॉर्न सिरप आदि का
सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। इनमें पायी
जाने वाली कैलोरी और शुगर से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। उच्च रक्त चाप(high blood
presseure), हाइपर थाइरॉइड(HYPER-THYROID) वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है। सॉफ्ट ड्रिंक, पैन केक, जैम/जैली, कुकीज़,
केक, पेस्ट्रीज, कैंडीज,
फाइट फ्री जमा हुआ दही आदि का सेवन ना करें।

अधिक नमक वाले आहार(HIGH SALTY FOOD)
कैफीन-(CAFFEINE)

समृद्ध आटा-(WHOLE WHEAT)
एल्कोहल
हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल
अधिक नमक वाले आहार(HIGH SALTY FOOD)
नमक से थाइराइड ग्रंथि ज्यादा प्रभावित
होती है इसलिए हाइपर-थाइराइड से ग्रसित लोगों को ज्यादा नमक का खाना नजरअंदाज करना
चाहिए। समुद्री शैवाल,
कैल्प और कोई सी-फूड ना लें जिसमें आयोडीन ज्यादा होता है।
हाइपर-थाइरॉइडिस्म वालों को ये बिल्कुल सेवन नहीं करने चाहियें।
शुद्ध
दूध(PURE
MILK) –
हाइपर-थाइरॉइडिस्म
वालों को इनसे भी बचना चाहिए। अलग-अलग खाद्यों का लोगों पर अलग-अलग प्रभाव होता है।
कुछ लोगों में इनसे लैक्टोज सहन नहीं होना और दूध जैसे उत्पाद पचाने में समस्या होती
है। यदि आपको दूध उत्पाद जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि से अपच, सूजन, थकान आदि
होती है तो इनसे परहेज करें।
कैफीन-(CAFFEINE)
कॉफीन का सेवन भी हाइपर-थाइरोइड कि स्तिथि में नहीं करना चाहिए । इनसे
थाइरॉक्सिन ज्यादा पैदा होता है। यदि आप पहले से ही हाइपर थाइरॉइडिस्म से पीड़ित
हैं तो आपको कॉफ़ी,
शुगर और अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके बजाय
आप पानी और फ्रूट जूस ले सकते हैं।
समृद्ध आटा-(WHOLE WHEAT)
इस आटे में पोषक तत्व कम होते हैं
जिससे यह पूर्ण अनाज की बजाय पचाने में आसान नहीं है। यह हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स
वाला खाद्य है जो कि रक्त में शुगर और हार्मोन के लेवल को बिगाड़ सकता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स इंडेक्स वाले खाद्य रक्त में थाइराइड जैसे हार्मोन्स का संतुलन
बनाये रखते हैं। पास्ता,
ब्रेड, स्नैक्स, केरलस
आदि का सेवन नहीं करें। होल ग्रेन्स जैसे ब्राउन राइस, बेरली,
क्युओना, एयर पोप्ड पॉप कॉर्न, होल वीट ब्रेड आदि ले सकते हैं।
रेड
मीट(RED MEAT)
रेड मीट में कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त
वसा की अधिकता होती है इसलिए हाइपर-थाइरॉइडिस्म में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
इससे दिल की बीमारियाँ और टाइप 2 डाइबिटीज़ का खतरा रहता है। इसकी मात्रा कम
करने से हाइपर-थाइरॉइडिस्म के लक्षण भी कम होते हैं।
एलेर्जिक
फूड ना खाएं(ALLERGIC FOOD)
हाइपर-थाइरॉइडिस्म के कारण कई नाजुक
बीमारियाँ होती हैं। यह ऑटो-इम्यून डिजीज हैं और खाने से होने वाली एलर्जी से इस
प्रकार की बीमारियों के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए इस तरह के खाने से परहेज करें
जिससे आपको एलर्जी है। ऐसे पदार्थों का पता करें जिनसे आपको एलर्जी होती है और
इनको नजरंदाज करें। साधारण तौर पर एलर्जी लैक्टोज सहन नहीं होना (दूध), लस
सहन नहीं होना (रोटी में मौजूद होता है), मूंगफली एलर्जी,
गेहूं एलर्जी आदि हैं, एलर्जिक रिएक्शन उस
भोजन पर ज्यादा आश्रित होने से होता है।
डेयरी
उत्पाद(DAIRY PRODUCT)-
हाइपर-थाइरॉइडिस्म वालों को इनसे भी
बचना चाहिए। अलग-अलग खाद्यों का लोगों पर अलग-अलग प्रभाव होता है। कुछ लोगों में
इनसे लैक्टोज सहन नहीं होना और दूध जैसे उत्पाद पचाने में समस्या होती है। यदि
आपको दूध उत्पाद जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि
से अपच, सूजन, थकान आदि होती है तो
इनसे परहेज करें।
एल्कोहल
हाइपर-थाइरॉइडिस्म से
ग्रसित लोगों में शराब के सेवन से ऊर्जा की मात्रा कम हो सकती है और नींद की
समस्या हो सकती है। हाइपर-थाइरॉइडिस्म से पीड़ित लोगों में शराब के सेवन से
ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी रहता है। वाइन, बीयर, कॉकटेल और अन्य एल्कोहल वाले पदार्थों का सेवन
सीमित करें या बिल्कुल ना लें।
हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल
हाइड्रोजनीकृत
वनस्पति तेल का इस्तेमाल बहुत से बाजारू खाद्य पदार्थों में किया जाता है। ये ट्रांस
फैट के स्रोत हैं और वे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को खराब कर हाइपर-थाइरॉइडिस्म के
लक्षण पैदा कर सकते हैं। बाजार में बिकने वाले क्रेकर्स, कुकीज़,
डोनट्स, नकली मक्खन, पाई
क्रस्ट, ओनियन रिंग आदि का परहेज करें।



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